एकनाथ शिंदे ग्रुप की बगावत के बाद ठाकरे फैमिली के तेवर एकदम बदल चुके हैं। उद्धव ठाकरे भी बदले-बदले नजर आ रहे हैं और लगातार ऐक्टिव हैं। इसी कड़ी में शुक्रवार को उन्होंने अपने पैतृक आवास मातोश्री में मीडिया को बुलाकर बात की। इस दौरान उन्होंने कहा कि धनुष-बाण शिवसेना का इलेक्शन सिंबल है और इसे कोई छीन नहीं सकता। उन्होंने कहा कि मैं एक वकील से बात कर रहा हूं और इस पर पैरवी की जाएगी। हालांकि इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि लोग अपनी भावनाओं के आधार पर मतदान करते हैं। सिर्फ चुनाव चिह्न ही मायने नहीं रखता है।
उन्होंने विधायकों पर तंज कसते हुए कहा कि किसी के जाने से पार्टी खत्म नहीं हो जाती। ठाकरे ने कहा कि शिवसेना कोई ऐसी चीज नहीं है जिसे कोई ले कर भाग गया। यह एक स्ट्रीट पार्टी है। पूर्व सीएम ने कहा, ‘मान लीजिए हमारे पास केवल एक विधायक होता और तो वह पार्टी छोड़ देत तो क्या इसका मतलब यह है कि पार्टी खत्म हो गई है? उद्धव ठाकरे ने कहा कि भले ही 1 या 50 या फिर 100 ही विधायक क्यों न चले जाएं। पार्टी उनके जाने से खत्म नहीं हो सकती। पार्टी बनी रहती है, लोगों में भ्रम पैदा होता है। उन्होंने कहा कि विधायक दल और पंजीकृत दल अलग हैं।
एक बार फिर से इमोशनल कार्ड चलते हुए उन्होंने कहा कि शिवसेना ने बिना किसी का बैकग्राउंड देखे आम लोगों को बड़ा बनाया। बड़े हुए लोग चले गए, लेकिन जिन साधारण लोगों ने उन्हें बड़ा बनाया, वे शिवसेना के साथ हैं। इसलिए, शिवसेना के भविष्य के लिए कोई खतरा नहीं है। बता दें कि उद्धव ठाकरे के बेटे आदित्य ने निष्ठा यात्रा निकालने का फैसला लिया है। इसे शिवसेना बचाने की कवायद माना जा रहा है। इस यात्रा के दौरान वह बागी विधायकों के इलाकों में भी जाएंगे और शिवसैनिकों को निष्ठा की शपथ दिलाएंगे।
मध्यावधि चुनाव में उतरने का दिया चैलेंज
ठाकरे ने राज्य में चुनाव की मांग उठाई है। उन्होंने कहा, ‘मैं उन लोगों को आज विधानसभा चुनाव की चुनौती देता हूं। अगर हमने गलत किया है, तो लोग हमें घर भेज देंगे। और अगर आपको यही करना जरूरी था, तो ऐसा ढाई साल पहले करना चाहिए था। यह सम्मान के साथ हुआ होता। ऐसा करने की कोई जरूरत नहीं होती।’