शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के साथ मातोश्री पर चर्चा करते हुए मुझे मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे का फोन आया। यह सुनते ही उद्धव ठाकरे दूसरे कमरे में चले गए। जब वे वापस आए तो उन्होंने यह नहीं पूछा कि एकनाथ शिंदे किस बारे में बात कर रहे हैं। मेरा मतलब है कि हमारे गुरु कितने आसान हैं। यह बयान शिवसेना के कल्याण महानगर प्रमुख विजय साल्वी ने कल्याण में आयोजित शिवसेना के निर्धर मेले में दिया है। विजय साल्वी के यह कहानी सुनाने के बाद सभी शिवसैनिक भावुक हो गए।
कल्याण डोंबिवली में शिवसेना-बीजेपी पिछले 25 साल से सत्ता में है। कल्याण शिवसेना का गढ़ है। एकनाथ शिंदे के राजनीतिक विद्रोह के बाद शिवसेना की यहां मुश्किलें बढ़ सकती हैं। कल्याण डोंबिवली, उल्हासनगर, अंबरनाथ ठाणे के कई पदाधिकारी शिंदे समूह में शामिल हो गए हैं। फिर भी शिवसेना के कई पदाधिकारी पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे के साथ हैं। पार्टी ने शिवसैनिकों को पुनर्जीवित करने के लिए राज्य में विभिन्न कार्यक्रम शुरू किए हैं।
शिवसेना को बचाने ठाकरे ने झोंकी ताकत
एक तरफ पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे वरिष्ठ पदाधिकारियों की बैठक कर रहे हैं। वहीं आदित्य ठाकरे का वफादारों से मिलने का सफर शुरू हो गया है। कुछ जगहों पर जिला संपर्क प्रमुख के मार्गदर्शन में निर्धर मेला शुरू हो गया है। कल्याण पूर्व में भी शिवसेना का निर्धर मेला आयोजित किया गया। बैठक में जिला संपर्क प्रमुख अनीत बिजरे, लोकसभा संपर्क प्रमुख सुभाष भोईर, महानगर प्रमुख विजय साल्वी, शरद पाटिल, चंद्रकांत बोडारे, धनंजय बोडारे, राजेंद्र चौधरी, हर्षवर्धन पलांडे समेत कई शिवसैनिक मौजूद थे।
भावुक हुए शिवसैनिक
रैली के दौरान बोलते हुए साल्वी ने एक कहानी सुनाई। यह मामला सुनकर सभी शिवसैनिक भावुक हो गए। इतना ही नहीं कुछ दिन पहले कल्याण विधायक विश्वनाथ भोइर के बैनर में उद्धव ठाकरे की कोई फोटो नहीं थी। जब विजय साल्वी की फोटो का इस्तेमाल किया गया तो साल्वी ने सोशल मीडिया के जरिए साफ कर दिया कि मेरी फोटो का इस्तेमाल ऐसे बैनर पर नहीं किया जाना चाहिए जिसमें उद्धव ठाकरे की फोटो न हो।
उद्धव का साथ देने की ली शपथ
कल्याण लोकसभा संपर्क प्रमुख सुभाष भोईर ने कहा है कि नई कार्यकारिणी को लेकर मातोश्री पर फैसला लिया जाएगा। इस रैली के दौरान सभी शिवसैनिकों ने उद्धव ठाकरे के साथ रहने की शपथ ली।