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मुश्किल वक्त में उद्धव और राज ठाकरे आएंगे साथ? एनसीपी लीडर का सुझाव- एकजुट हों बालासाहेब ठाकरे के बच्चे

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एकनाथ शिंदे गुट के साथ शिवसेना के करीब 40 विधायकों का समर्थन होने से उद्धव ठाकरे की सरकार और पार्टी दोनों संकट में गए हैं। कयास यहां तक है कि शिवसेना के 18 में 14 लोकसभा सांसद भी एकनाथ शिंदे गुट के ही संपर्क में हैं। ऐसे में यह सवाल उठ कहे हैं कि ठाकरे फैमिली प्रतिष्ठा और सरकार बचाने के लिए क्या करेगी। इस बीच एनसीपी की नेता रूपाली पाटिल ठोंबरे ने ठाकरे फैमिली को एकजुटता काा संदेश दिया है। एक मराठी चैनल से बातचीत में पाटिल ने कहा कि मौजूदा हालात में उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे को साथ आने की जरूरत है

पाटिल बोलीं- यह समय ठाकरे बंधुओं के साथ आने का

उन्होंने कहा कि यह स्पष्ट है कि महाराष्ट्र की स्थिति के पीछे कौन है और कौन सत्ता पाने की कोशिश कर रहा है। लेकिन हिंदू हृदय सम्राट बालासाहेब ठाकरे ने मराठी लोगों के अस्तित्व और विकास के लिए बहुत बड़ा योगदान दिया है। ऐसे में यह उनके दो बच्चों के एक साथ आने का समय है। रूपाली पाटिल ने कहा कि हम जैसे राजनीतिक कार्यकर्ताओं को लगता है कि एक भाई को विकट परिस्थिति में अपने भाई के साथ मजबूती से खड़ा रहना चाहिए। देखना होगा कि शिवसेना और मनसे उनके बयान पर क्या प्रतिक्रिया देती हैं।

शिवसेना की सरकार और पार्टी दोनों पर खतरा

पिछले विधानसभा चुनाव में शिवसेना के कुल 56 विधायक चुने गए थे। मुंबई विधायक रमेश लटके के निधन के बाद विधायकों की संख्या 55 हो गई थी। एकनाथ शिंदे इनमें से 40 विधायकों को अपने साथ लेकर गुवाहाटी में हैं। इसलिए अगर भविष्य में एकनाथ शिंदे के गुट का किसी अन्य दल में विलय होता है तो शिवसेना का अस्तित्व प्रभावित होगा। ऐसे में अब हर कोई देख रहा है कि उद्धव ठाकरे क्या कदम उठाएंगे। एकनाथ शिंदे के विद्रोह ने सचमुच शिवसेना को परेशान कर दिया है और सरकार के साथ ही पार्टी किसकी होगी, इस पर भी सवाल उठ रहे हैं। 

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