शिवसेना सांसद संजय राउत ने विदेशी नेताओं को गुजरात ले जाने को लेकर केंद्र सरकार पर हमला बोला है। राउत ने शिवसेना के मुखपत्र सामना में अपने साप्ताहिक कॉलम में पीएम मोदी और बीजेपी सरकार पर तंज कसते हुए कहा है कि बिजनेस कैपिटल मुंबई के पंख को काटने की लगातार कोशिश की जा रही है।
विभिन्न मुद्दों पर राज्य में जारी राजनीतिक संकट के बीच महाराष्ट्र दिवस के अवसर पर संजय राउत ने कहा कि केंद्र में बीजेपी का नेतृत्व भारत के स्वतंत्रता आंदोलन में महाराष्ट्र के योगदान को भूल गया है। संजय राउत ने सवाल करते हुए कहा कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को उस कार्यक्रम में क्यों नहीं बुलाया गया जहां पीएम मोदी को पहला लदा मंगेशकर पुरस्कार मिला।
राउत ने कहा कि महाराष्ट्र को राष्ट्रीय राजनीति से बाहर करने की यह एक प्रक्रिया है। राउत ने आरोप लगाया कि नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद दुनिया के नेता मुंबई नहीं आ रहे हैं क्योंकि उन्हें पहले गुजरात और फिर दिल्ली ले जाया जाता है। राउत ने लिखा, ‘कुछ हफ्ते पहले शरद पवार जी ने दुख व्यक्त किया कि पीएम मोदी दुनिया के नेताओं को वहां का विकास दिखाने के लिए गुजरात ले जाते हैं।
जब शरद पवार जी ऐसे मुद्दों को उठाते हैं, तो उन्हें गंभीरता से लिया जाना चाहिए।’ संजय राउत ने अपने संपादकीय में लिखा, ‘पीएम मोदी पूरे देश के पीएम हैं, और भी कई शहर हैं।’ पूर्व सीएम बीजेपी नेता देवेंद्र फडणवीस पर मुंबई को केंद्र शासित प्रदेश में बदलने की कोशिश करने का आरोप लगाते हुए संजय राउत ने कहा कि अगर मुंबई में शिवसेना नहीं होती, तो यह केंद्र शासित प्रदेश बन जाता।
महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के प्रमुख राज ठाकरे ने राज्य सरकार को धमकी दी थी कि अगर 3 मई तक मस्जिदों के लाउडस्पीकर नहीं हटाए गए, तो उनकी पार्टी के कार्यकर्ता उन पर हनुमान चालीसा बजाएंगे। विवाद पर टिप्पणी करते हुए संजय राउत ने शनिवार को कहा कि बालासाहेब ठाकरे अगर जीवित होते तो शिवसेना पर फूल बरसाते।