मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह की मुश्किलें दिन-प्रतिदिन बढ़ती नज़र आ रही है. परमबीर सिंह के खिलाफ हाई कोर्ट में नया हस्तक्षेप याचिका दायर की गई है। मुंबई के एक बिल्डर ने यह याचिका दायर की है। दायर की गई याचिका में परमबीर सिंह पर बिल्डर के खिलाफ केस दर्ज नहीं हो , इसके लिए 200 करोड़ की मांग करने का आरोप लगाया गया है।
बिल्डर दीपक निकालजे के साथ आवेदक कार्तिक भट ने चेम्बूर के एक झोपड़पट्टी पुनर्वसन हाउसिंग प्रोजेक्ट शुरू करने की बात कहते हुए साढ़े तीन करोड़ की ठगी करने के मामले में संतोष मिठबावकर ने चेंबूर पुलिस स्टेशन में भट के खिलाफ 2020 में एक केस दर्ज कराया था।
इस केस के अनुसार मामले की जांच नहीं करने के लिए चेंबूर पुलिस स्टेशन की सीनियर पुलिस इंस्पेक्टर शालिनी सिंह ने तत्कालीन पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह के कहने पर 200 करोड़ की रिश्वत मांगी थी। साथ ही इस हाउसिंग प्रोजेक्ट की 425 करोड़ के इन्कम का 10% मांगने का आरोप लगाया गया है।
इसके अलावा 2018 में इसी हाउसिंग प्रोजेक्ट के लिए आर्थिक क्राइम ब्रांच के डीसीपी पराग मणेरे ने भी परमबीर सिंह के कहने पर हफ्ता मांगा था। यह आरोप आवेदक भट दवारा याचिका में लगाया गया है। परमबीर सिंह ने शालिनी शर्मा और पराग मणेरे के साथ मिलकर कई बिज़नेसमैन से इसी तरफ का हफ्ता लेने का भी आरोप लगाया है।
इस याचिका पर गुरुवार को जज एस एस शिंदे की अध्यक्षता वाली खंडपीठ के सामने वक़्त की कमी की वजह से सुनवाई नहीं हो पाई. इस मामले की अगली सुनवाई 14 जून को होगी।
हाई कोर्ट से राहत
परमबीर सिंह की अब 15 जून तक गिरफ़्तारी नहीं होगी। महाराष्ट्र सरकार ने इस संदर्भ में जानकारी हाई कोर्ट को दी है। इस मामले की सुनवाई आगे बढ़ा दी गई है। एट्रोसिटी की तहत दायर केस की सुनवाई में परमबीर सिंह को राहत मिल गई है। अकोला में कार्यरत पुलिस इंस्पेक्टर भीमराज घाडगे ने परमबीर सिंह के खिलाफ केस दर्ज कराया है। परमबीर सिंह के साथ 27 पुलिस अधिकारियों पर भीमराज ने जातिवाचक गाली देने की शिकायत दर्ज कराई है।