पिछले कुछ दिनों से मोदी और योगी के बीच मतभेद की खबरे देश और उत्तर प्रदेश से सामने आ रही है। लेकिन कोरोना काल में अपनी असफलता को छिपाने के लिए यह सोची समझी रणनीति का आरोप राष्ट्रवादी कांग्रेस के प्रवक्ता और अल्पसंख्यक मंत्री नवाब मलिक ने लगाया है।
उन्होंने कहा कि कोरोना काल में उत्तर प्रदेश में गंगा नदी में कोरोना से मरने वालों के शव फेंकने की चौंकाने वाली तस्वीर देश और दुनिया ने देखी है। योगी के कामकाम की असफलता को छिपाने के लिए मोदी वर्सेज योगी दिखाने का भाजपा का प्लान है।
चार वर्षो में योगी ने अपने कार्यकाल में केवल राज्य में घृणा निर्माण किया है। पुरे समाज को फायदा हो ऐसी एक भी योजना उत्तर प्रदेश में नहीं लाई गई। कोरोना में केवल सरकार की तिजोरी से बड़े बड़े विज्ञापन पर खर्च किये गए। भाजपा समझ चुकी है कि उत्तर प्रदेश में उसकी हार होने वाली है। इसलिए भाजपा चिंतित है।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ ने गुरुवार को दिल्ली में गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात की। योगी ने अमित शाह के घर पर डेढ़ घंटे तक चर्चा की. योगी आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पार्टी अध्यक्ष जे पी नड्डा से मुलाकात करेंगे। अचानक योगी के दिल्ली दौरे को लेकर कई तरह की चर्चाओं का बाज़ार गर्म हो गया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के बीच कोई मतभेद है क्या ? यह सवाल खड़ा होने के पीछे महत्वपूर्ण कारण सोशल नेटवर्किंग साइट पर चल रही चर्चा है। भाजपा के कई बड़े नेता योगी को 5 जून को जन्मदिन की बधाई दी। लेकिन प्रधानमंत्री मोदी ने ट्विटर के जरिये शुभकामना नहीं दी। इसलिए सोशल मीडिया पर इन दोनों नेताओं में मतभेद की खबरें शुरू हो गई। खासकर भाजपा विरोधियों दवारा यह सवाल खड़ा किया जा रहा है.