मुंबई सहित पूरे मुंबई मेट्रोपोलिटन रीजन में जब कोरोना मरीजों को ऑक्सीजन की अत्यावश्यकता थी, तब ठाणे के कोलसेट इलाके के निवासी 30 साल के चीनू क्वात्रा MBA ने हाथ पर हाथ रखकर घर बैठने के जगह सुबह 4 बजे तक जाग कर कोविड मरीजों की जान बजाने का काम कर रहे हैं। हालांकि, कोरोना की पहली लहर के वक्त लॉकडाउन लगने पर उन्होंने 75 दिनों तक लगातार करीब 7 लाख जरूरतमंद लोगों को राशन और भोजन पहुंचाकर मदद की थी। मगर सेकंड वेव की चुनौती बहुत ही अलग हैं। इसलिए इस बार वे लोगों को राशन से ज्यादा “प्राणवायु” यानी ऑक्सीजन पहुंचाकर मदद कर रहे हैं।
ऐसे कर रहे हैं लोगों की मदद
चीनू बताते हैं कि मैंने इसके लिए सबसे पहले कोरोना की पहली वेव के वक्त शुरू किए गए हमारे तीन हेल्पलाइन नंबर को 24 घंटे एक्टिव किया। जिससे कोई जरूरतमंद कोरोना पेशंट या उसका रिलेटिव आधी रात को कॉल करेगा, तो उसे रिस्पांस के साथ-साथ मदद मिले। इसका पॉजिटिव रिस्पांस इतना जोरदार था कि शुरू के तीन दिन में ही पांच-छह हजार कॉल ऑक्सीजन मदद के लिए आईं।
उन्होंने बताया, ‘इसके बाद मैंने मुंबई व ठाणे सहित मुंबई मेट्रोपोलिटन रीजन में अलग-अलग इलाकों में अपने-अपने स्थानीय स्तर पर कोरोना मरीजों की मदद करने वालों के नंबर जमा किए और उन सभी लोगों का एक चेन बनाया। इसका फायदा यह हुआ है कि मुंबई मेट्रोपोलिटन रीजन के किसी भी कोन से हमें यदि किसी ने मदद मांगी तो हम खुद या अपने नेटवर्क के माध्यम से मदद करने में सफल रहे।