म्यूजिक कंपनी टी सीरीज के मालिक गुलशन कुमार की हत्या के मामले में गुरुवार को बॉम्बे हाई कोर्ट ने अब्दुल राशिद दाउद मर्चेंट की उम्रकैद की सजा को बरकरार रखा है। साथ ही हाईकोर्ट ने यह भी कहा कि दोषी किसी भी तरह की उदारता के हकदार नहीं है। बॉम्बे हाईकोर्ट के जस्टिस जाधव और जस्टिस बोरकर की बेंच ने यह फैसला सुनाया।
इन धाराओं में दोषी पाया गया अब्दुल राशिद
गौरतलब है कि गुलशन कुमार हत्याकांड के मामले में दोषी अब्दुल राशिद दाउद मर्चेंट (Abdul Rashid Dawood Merchant) को IPC की धारा 302, 307 और 34 के तहत दोषी पाया गया है। सबूतों के आधार पर Bombay High Court ने अब्दुल को उम्रकैद की सजा सुनाई है।
पैरोल पर छूटने के बाद फरार है अब्दुल
गुलशन कुमार की नृशंस हत्या के मामले में दोषी अब्दुल राशिद दाउद मर्चेंट फिलहाल फरार है। पैरोल पर छूटने के बाद अब्दुल फरार हो गया था और अभी तक पकड़ा नहीं गया है। मुंबई हाईकोर्ट की बेंच ने कहा कि अब्दुल राशिद को एक हफ्ते के अंदर पुलिस (Police) के सामने सरेंडर करना होगा और उसे अपना पासपोर्ट भी पुलिस स्टेशन में सरेंडर करना होगा। इसके अलावा दो जजों की बेंच ने यह भी कहा कि अगर अब्दुल राशिद दाउद मर्चेंट ऐसा नहीं करता है तो सेशन कोर्ट अब्दुल राशिद के खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी कर सकता है और गिरफ्तार कर सकता है।
1997 में हुई थी गुलशन कुमार की हत्या
गौरतलब है कि टी-सीरिज म्यूजिक कंपनी के मालिक व ख्यात संगीतकार गुलशन कुमार की 12 अगस्त 1997 को मुंबई में एक मंदिर के बाहर गोलियों से भूनकर हत्या कर दी गई थी। उस वक्त गुलशन कुमार मंदिर से पूजा करके बाहर आ रहे थे, तभी अचानक बाइक सवारों ने उनपर ताबड़तोड़ 16 गोलियां बरसा दी, जिस कारण गुलशन कुमार की घटनास्थल पर ही मौत हो गई थी। गुलशन कुमार की हत्या की खबर फैलते ही पूरे बॉलीवुड में सनसनी फैल गई थी।