भ्रष्टाचार के आरोपों में घिरे आईपीएस अफसर और मुंबई पुलिस के पूर्व कमिश्नर परमबीर सिंह के खिलाफ एक और मामले में कार्रवाई हो सकती है. उनपर ठाणे में पुलिस प्रमुख रहते हुए मालाबारी हिल्स इलाके में आधिकारिक अपार्टमेंट में रहने और उसका किराया न चुकाने का आरोप है. यह बकाया इस समय लाखों में हो गया है.
जानकारी के अनुसार परमबीर सिंह को 18 मार्च, 2015 को ठाणे का पुलिस आयुक्त बनाया गया था. उससे पहले वह मुंबई में स्पेशल रिजर्व पुलिस फोर्स के एडिशनल डीजीपी थे. इस दौरान उन्हें मालाबार हिल्स के बीजी खेर मार्ग के नीलिमा अपार्टमेंट में सरकारी अपार्टमेंट मुहैया कराया गया था.
इसके बाद जब उनकी पोस्टिंग ठाणे में हुई तब भी उन्होंने नीलिमा अपार्टमेंट खाली नहीं किया. जबकि उन्हें ठाणे में भी सरकारी आवास मिला था.
इंडियन एक्सप्रेस की खबर के अनुसार ठाणे में उनकी पोस्टिंग के दौरान 17 मार्च, 2015 से लेकर 29 जुलाई 2018 तक किराये और पेनाल्टी को जोड़कर उनके ऊपर 54.10 लाख रुपये बकाया था. परमबीर सिंह ने इसके लिए 29.43 लाख रुपये चुकाये थे. जबकि 24.66 लाख रुपये अब भी बकाया हैं. एक रिपोर्ट के अनुसार 35 आईपीएस अफसरों के ऊपर करीब 4 करोड़ रुपये बतौर रेंट और पेनाल्टी बकाया है.
अफसरों को पोस्टिंग खत्म होने के 15 दिनों तक मौजूदा सरकारी आवास में रहने की छूट मिलती है. सरकार इस दौरान सिर्फ लाइसेंस फीस ही वसूलती है. अगर अफसर इन 15 दिनों में आवास खाली नहीं करता है तो सरकार किराये के साथ ही पेनाल्टी भी वसूलती है.
सूत्रों के अनुसार कहा गया है कि जब इस साल परमबीर सिंह और महाराष्ट्र के तत्कालीन गृह मंत्री अनिल देशमुख के बीच विवाद हुआ था तो उस समय उन्होंने अपना बकाया माफ करने की अपील की थी. उन्होंने कहा था कि उनके परिवार को मुंबई में रहने के लिए एक जगह चाहिए.
इस संबंध में एक वरिष्ठ पुलिस अफसर का कहना है कि कोई भी अफसर दो सरकारी आवास नहीं ले सकता. हम यह बकाया धन उनकी सैलरी से काटेंगे या अगर अभी संभव नहीं होगा तो हम जून 2022 में उनके रिटायरमेंट के बाद इसकी वसूली करेंगे.