आयकर विभाग द्वारा महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजीत पवार से जुड़ी एक हजार करोड़ से ज्यादा की संपत्तियों को अस्थायी रूप से अटैच करने की खबरों को अजित पवार ने निराधार बताया है। डिप्टी सीएम पवार की ओर से सफाई पेश की गई है। कहा गया है कि उनसे संबंधित कोई भी संपत्ति आयकर विभाग ने कुर्क नहीं की है और न ही उन्हें कोई नोटिस मिला है
दरअसल, मीडिया सूत्रों की मानें तो महाराष्ट्र के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख की गिरफ्तारी के बाद अब डिप्टी सीएम अजित पवार पर आयकर विभाग शिकंजा कसने वाली है। आयकर विभाग ने अजित पवार की कई दर्ज प्रॉपर्टीज को जब्त करने का अस्थाई नोटिस जारी किया है। इसमें महाराष्ट्र की 27 प्रॉपर्टीज, गोवा का 250 करोड़ का रिसार्ट और 600 करोड़ की एक शुगर मिल शामिल है। इसमें दिल्ली की भी कुछ प्रॉपर्टीज शामिल हैं। ये संपत्तियां 1400 करोड़ रुपए से ज्यादा की हैं।
हालांकि इन अटकलों को विराम देते हुए राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता और डिप्टी सीएम अजित पवार की ओर से सफाई पेश की गई है। उनके वकील प्रशांत पाटिल ने एक स्पष्टीकरण में कहा कि अजित पवार से संबंधित कोई भी संपत्ति आयकर विभाग द्वारा कुर्क नहीं की गई है और उन्हें कोई नोटिस भी नहीं मिला है। उन्होंने कहा कि पवार परिवार से संबंधित संपत्तियों की कुर्की की मीडिया रिपोर्ट निराधार और भ्रामक है। पवार ने भी किए गए दावों का खंडन किया है।
बयान जारी करते हुए प्रशांत पाटिल ने कहा, ”उनकी कोई भी संपत्ति आईटी विभाग द्वारा संलग्न नहीं की गई थी और न ही उन्हें इस संबंध में कोई नोटिस मिला है। आईटी विभाग ने कुछ मुद्दों से संबंधित स्पष्टीकरण मांगा है और उस पर उचित प्रतिक्रिया दी जाएगी। प्रशासनिक और कानूनी माध्यमों से भी उचित कार्रवाई की जाएगी। इस संबंध में मीडिया में आ रही खबरें निराधार और भ्रामक हैं। मीडिया को रिपोर्ट करने से पहले तथ्यों की जांच करनी चाहिए और किसी भी तरह के दुष्प्रचार का शिकार नहीं होना चाहिए।”