प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने मनी लॉन्ड्रिंग के मामले की जांच के सिलसिले में महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख और उनके बेटे ऋषिकेश देशमुख को समन जारी करके पूछताछ के लिए बुलाया था. लेकिन ईडी के समन के बावजूद दोनों जांच में शामिल नहीं हुए. यह चौथी बार है जब अनिल देशमुख समन भेजने के बाद भी ईडी सामने पेश नहीं हुए हैं.
वहीं ईडी के सूत्रों का कहना है, ‘ईडी का अनिल देशमुख से संपर्क नहीं हो पा रहा है. हम नहीं जानते हैं कि देशमुख कहां हैं. उनकी मौजूदा लोकेशन की किसी को जानकारी नहीं है. हम आज इस मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले का इंतजार कर रहे हैं.
हमें उम्मीद है कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद देशमुख जांच में सहयोग देंगे.’
एनसीपी के नेता अनिल देशमुख और उनके बेटे ऋषिकेश देशमुख को दो अगस्त को ईडी के दक्षिण मुंबई स्थित कार्यालय में मामले के जांच अधिकारी के समक्ष पेश होने को कहा गया था. यह अनिल देशमुख को चौथा समन था. सूत्रों ने कहा कि पीएमएलए के प्रावधानों के तहत नोटिस जारी किया गया है क्योंकि एजेंसी इस मामले में उनका बयान दर्ज करना चाहती है. देशमुख मामले में पूछताछ के लिए ईडी के सामने कम से कम तीन समन पर भी पेश नहीं हुए हैं. उनके बेटे और पत्नी को भी बुलाया गया था और वे भी पेश नहीं हुए.
वहीं सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को कहा था कि ईडी द्वारा दर्ज मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में किसी भी दंडात्मक कार्रवाई से संरक्षण के लिए महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख की याचिका पर तीन अगस्त को सुनवाई होगी. देशमुख के वकील ने जब कहा था कि राजनीतिज्ञ को दंडात्मक कार्रवाई से संरक्षण दिया जाना चाहिए, तो जस्टिस एएम खानविलकर की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा था कि अगले सप्ताह अन्य संबंधित मामलों के साथ याचिका पर सुनवाई की जाएगी और इस पहलू पर भी विचार किया जाएगा.
सुप्रीम कोर्ट धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के कुछ प्रावधानों की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं सहित कई याचिकाओं पर सुनवाई कर रहा था.