कोरोना कम होते ही अस्पतालों में सर्जरी के लिए बढ़ी वेटिंग, मरीजों को दी जा रही हैं आगे की तारीखें

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मुंबई में कोरोना वायरस का प्रकोप कम होते ही अस्पतालों में सर्जरी के लिए मरीजों की कतारें बढ़ने लगी हैं। आलम यह है कि अब सर्जरी के लिए मरीजों को वेटिंग नंबर मिलना शुरू हो गया है। आंख के मोतियाबिंद से लेकर घुटनों की सर्जरी के लिए लोगों को इंतजार करना पड़ रहा है।

बता दें कि जिन रोगियों ने पिछले 18 महीनों में अपने मोतियाबिंद, घुटनों के दर्द या बढ़ते फाइब्रॉएड को नजरअंदाज कर दिया था, उन्होंने अब अस्पतालों की ओर रुख करना शुरू कर दिया है। सरकारी से लेकर निजी अस्पतालों में कार्यरत सर्जन इन दिनों काफी व्यस्त हैं। मरीजों की अचानक बढ़ी कतार को देखते हुए निजी अस्पतालों सहित सरकारी अस्पतालों में अब सर्जरी के लिए समय निर्धारित किया जा रहा है या यूं कहें कि वेटिंग शुरू हो गई है।

प्रमुख हृदय सर्जन डॉ. रमाकांत पांडा उन डॉक्टरों में से एक हैं, जिन्हें अब महामारी के दौर में पहले की तुलना में प्रतिदिन अधिक सर्जरी करनी पड़ती है। जिन लोगों ने दो साल के लिए सर्जरी स्थगित कर दी थी, उन्होंने सर्जरी का समय निर्धारित करना शुरू कर दिया है। जेजे अस्पताल में नेत्र विभाग की प्रमुख डॉ. रागिनी पारेख ने बताया कि उनकी टीम को अब एक दिन में 150 सर्जरी करने के लिए तैयार होना पड़ेगा। डॉ. रागिनी पारीख ने बताया कि कोविड के कारण सर्जरी का ग्राफ एक दिन में 20 से 30 तक गिर गया था, लेकिन अब कोरोना कंट्रोल में आने के बाद से लोग अपनी मोतियाबिंद सर्जरी करवाने के लिए तैयार हैं। डॉक्टरों की टीम ने पिछले सप्ताह औसतन प्रतिदिन 70 सर्जरी की हैं।

अब भीड़ बढ़ने से ग्राफ बढ़ेगा और वेटिंग भी। परभणी के 800 रोगियों को अगले कुछ दिनों में 70 के बैच में अस्पताल में आने की तारीख दी गई है। सायन अस्पताल के डीन डॉ. मोहन जोशी ने बताया कि रोजाना करीब छोटी-बड़ी मिलाकर 100 से अधिक सर्जरी की जाती हैं। अब यह संख्या धीरे-धीरे बढ़ रही है। इसकी वजह से मरीजों को अब सर्जरी के लिए तारीखें दी जा रही हैं। मुलुंड के फोर्टिस अस्पताल के डॉ. एस नारायणी ने बताया कि ओपीडी भरी हुई है और सर्जरी पूर्व-कोविड समय की तरह हो गई है।

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