भाजपा नेता आशीष शेलार ने शनिवार को आरोप लगाया कि मुंबई तटीय सड़क परियोजना में 1,600 करोड़ रुपये की अनियमितता हुई है।
शिवसेना नीत बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) इस परियोजना को क्रियान्वित कर रही है।
भारतीय जनता पार्टी के विधायक शेलार ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि भ्रष्ट कंसलटेंट और ठेकेदारों को काली सूची में डाल देना चाहिए तथा इस घोटाले में संलिप्त अधिकारियों और अन्य की जांच के लिए मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे द्वारा एक विशेष जांच टीम (एसआईटी) का गठन किया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि भाजपा, मुंबई महानगर के उत्तर में स्थित कांदिवली को दक्षिण मुंबई के नरीमन प्वाइंट से जोड़ने वाली इस सड़क के पक्ष में है, लेकिन भ्रष्टाचार बर्दाश्त नही किया जाना चाहिये ।
उन्होंने कहा कि बीमएसी ने मालाबार हिल के प्रियदर्शिनी पार्क से बड़ौदा पैलेस (हाजी अली के पास) तक के लिए दो कंसलटेंट नियुक्त किये थे। ए ई कॉम को जनरल कंसलटेंट और लुईस बर्जर को प्रोजेक्ट कसंलटेंट नियुक्त किया गया है।
उन्होंने दावा किया कि बीमएसी की स्थायी समिति ने इन दोनों कसंलटेंट को भुगतान करने के लिए 600 करोड़ रुपये की राशि की मंजूरी प्रदान की, जिन्हें परियोजना को सही दिशा में ले जाने को सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी गई थी।
.उन्होंने कहा, ‘‘हालांकि, इन कंसलटेंट द्वारा सिफारिश की गई खदानों के बजाय अन्य गैर मंजूर खदानों से सामग्री की खरीद की गई, इसलिए कार्य की गुणवत्ता पर संदेह उठता है। समुद्री किनारे को भरने के लिए करीब 8.5 लाख टन सामग्री खरीदी गई है और यह छह खदानों से अवैध रूप से खरीदी गई है। ’’
भाजपा नेता ने आरोप लगाया, ‘‘इन खदानों के मालिक कौन हैं? वहां से सामग्री खरीदने से किन्हें फायदा हो रहा? दूसरे मामले में, खदान सत्यापित है लेकिन खरीदी गई सामग्री सत्यापित नहीं है। तीसरे उदाहरण में, सत्यापित सामग्री नहीं खरीदी गई, जबकि एक अन्य मामले में एक खदान को मंजूरी प्राप्त खदानों की सूची में बाद में जोड़ दिया गया।’’
शेलार ने बताया कि उन्होंने केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव को एक पत्र लिख कर जानना चाहा कि क्या बीएमसी उन नियमों का पालन कर रही है, जिसके तहत उसे इस पर आगे बढ़ने की अनुमति दी गई थी। उन्होंने कहा, ‘‘यदि पर्यावरण नियमों का अनुपालन नहीं किया गया है तो केंद्र को बीमसी से स्पष्टीकरण मांगना चाहिए।
इस बीच, बीएमसी ने एक बयान में शेलार के आरोप को बेबुनियाद करार देते हुए खारिज कर दिया और कहा कि सामग्री सत्यापित खदानों से खरीदी गई, जिनकी गुणवत्ता जांच नियमित रूप से की गई।