महानगर में कोरोना की स्थिति नियंत्रण में है, इसके बावजूद कोरोना के मरीज लगातार मिल रहे हैं। बीएमसी का मानना है कि तीसरी लहर नहीं आएगी, इसके बावजूद कोरोना से निपटने की तैयारी जोरों पर है। तीसरी लहर से निपटने के लिए बीएमसी ने बीकेसी, दहिसर, सोमैया, कांजुरमार्ग व मालाड जंबो कोविड सेंटर में 748 आईसीयू और 4099 ऑक्सिजन बेड तैयार रखे हैं।
बीएमसी ने इन पांचों जंबो कोविड सेंटर में आईसीयू, ऑक्सिजन व नॉन ऑक्सिजन बेड के तीन महीने के परिचालन व देखरेख के लिए कंपनियों को जिम्मेदारी देने का फैसला किया है, जिस पर कुल 104 करोड़ 91 लाख 71 हजार रुपये खर्च होने का अनुमान है। इसकी मंजूरी के लिए बीएमसी प्रशासन ने स्थायी समिति के पास प्रस्ताव भेजा है।
मुंबई में कोरोना की दो लहरों को रोकने में बीएमसी सफल रही है। 15 अगस्त के बाद मुंबई में कई प्रतिबंधों में छूट दी गई, जिससे बाजारों, समुद्र तटों व रेलवे स्टेशनों पर भीड़ बढ़ी है। इससे मुंबई में लगातार कोरोना मरीजों की संख्या में इजाफा हुआ है। एक समय 200 से नीचे गई कोरोना मरीजों की संख्या बढ़कर अब प्रतिदिन 400 से 500 के बीच पहुंच गई है, जिससे बीएमसी एलर्ट मोड पर है।
अचानक कोरोना मरीजों की संख्या बढ़ने से कोई समस्या न पैदा हो, इससे निपटने के लिए बीएमसी पूरी तरह से तैयार है। बीएमसी के अतिरिक्त आयुक्त सुरेश काकानी ने कहा है कि दिसंबर में कोरोना की स्थिति दखने के बाद ही जंबो कोविड सेंटर व बेड के बारे में निर्णय लिया जाएगा।
बीएमसी के बीकेसी जंबो कोविड सेंटर में 108 आईसीयू के परिचालन व देखरेख पर 5.63 करोड़ रुपये, मालाड जंबो सेंटर में 190 आईसीयू, 1536 ऑक्सिजन बेड के लिए 34.51 करोड़ रुपये, दहिसर जंबो सेंटर में 100 आईसीयू, 613 ऑक्सिजन बेड व 117 नॉन ऑक्सिजन बेड के लिए 14 करोड़ रुपये से अधिक, कांजुरमार्ग जंबो सेंटर में 150 आईसीयू, 1200 ऑक्सिजन व 300 नॉन ऑक्सिजन बेड के लिए 28.23 करोड़ व सोमैया जंबो सेंटर में 200 आईसीयू , 750 ऑक्सिजन व अन्य के लिए 22. 47 करोड़ रुपये खर्च करेगी। सुरेश काकानी ने बताया कि अभी मुंबई में दहिसर, नेस्को, बीकेसी, वर्ली, मुलुंड व भायखला सहित कुल 6 जंबो कोविड सेंटर ऐक्टिव हैं।