क्लीन चिट’ की लीक रिपोर्ट मामले में अनिल देशमुख के परिसरों पर CBI के छापे

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सीबीआई ने महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख के कई परिसरों पर सोमवार को फिर छापेमारी की। सीबीआई और ईडी पहले भी कई बार देशमुख के ठिकानों पर रेड डाल चुकी है।

सूत्रों के अनुसार, इस बार अनिल देशमुख के ठिकानों पर छापेमारी ‘क्लीन चिट’ से जुड़ी उस कथित लीक रिपोर्ट को लेकर है, जिसमें सीबीआई ने कुछ सप्ताह पहले अपने ही इंस्पेक्टर अभिषेक तिवारी व अनिल देशमुख के वकील आनंद डागा को गिरफ्तार किया था। उस तथाकथित लीक रिपोर्ट में यह लिखा हुआ था कि देशमुख के खिलाफ कोई संज्ञेय अपराध नहीं बनता।

संज्ञेय अपराध का यहां आशय उस केस से था, जिसमें मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह ने मार्च महीने में देशमुख पर यह आरोप लगाया था कि उन्होंने सचिन वझे के जरिए मुंबई पुलिस पर हर महीने 100 करोड़ रुपये की उगाही का दबाव डाला था। परमबीर सिंह इस मुद्दे को लेकर बॉम्बे हाईकोर्ट भी गए थे। हाईकोर्ट ने तब सीबीआई से इन आरोपों की प्रारंभिक जांच करने और प्रारंभिक जांच में यदि आरोप सही पाए जाएं, तो उसके बाद एफआईआर दर्ज करने को कहा था। सीबीआई की प्रारंभिक जांच में अनिल देशमुख के खिलाफ ऐविडेंस पाए गए थे और इसीलिए सीबीआई ने अप्रैल महीने में एफआईआर दर्ज की थी।

क्लीन चिट’ वाली कथित रिपोर्ट के लीक होने के बाद जब सीबीआई के इंस्पेक्टर अभिषेक तिवारी और अनिल देशमुख के वकील आनंद डांगा को गिरफ्तार किया गया, तो जांच में पता चला था कि आनंद डांगा ने अभिषेक तिवारी को अनिल देशमुख से जुड़ी सीबीआई जांच की जानकारी उन तक शेयर करने के लिए आईफोन गिफ्ट किया था। सूत्रों के अनुसार, अभिषेक तिवारी 28 जून को पुणे गए थे। वहां उनकी आनंद डांगा से मुलाकात हुई। वहीं पर डांगा ने उन्हें आईफोन दिया था। ऐसा भी आरोप लगा था कि तिवारी ने सीबीआई जांच से जुड़े बहुत से गोपनीय दस्तावेज अनिल देशमुख के वकील के वॉट्सऐप पर शेयर किए थे।

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