परमबीर के खिलाफ कोर्ट ने कैंसल किया वॉरंट, पुलिस के सामने दर्ज कराया बयान

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मुंबई पुलिस के पू्र्व आयुक्त परमबीर सिंह उनके खिलाफ पड़ोस के ठाणे जिले में दर्ज वसूली के एक मामले की जांच के सिलसिले में शुक्रवार को पुलिस अधिकारियों के सामने पेश हुए। सूत्रों ने बताया कि परमबीर सिंह सुबह साढ़े 10 बजे के करीब अपने वकील के साथ ठाणे नगर पुलिस थाना पहुंचे। उन्होंने बताया कि जांच दल संभवत: उनका बयान दर्ज करेगा। उन्होंने बताया कि जोनल पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) अविनाश अंबुरे थाना में मौजूद थे। बताया जा रहा है कि परमबीर सिंह से करीब 7 घंटे तक पूछताछ की गई है। कहा जा रहा है कि परमबीर सिंह से इस दौरान कई आहम सवाल पूछे गये हैं। एक स्थानीय अदालत ने परमबीर सिंह के खिलाफ गैर-जमानतीय वारंट जारी किया था। लेकिन ठाणे पुलिस के सामने आने से पहले वो अदालत में पेश हुए जिसके बाद परमबीर सिंह के खिलाफ जारी वारंट को रद्द कर दिया गया है।

बिल्डर ने दर्ज कराई थी शिकायत

ठाणे पुलिस ने इस साल जुलाई में बिल्डर केतन तन्ना की शिकायत के आधार पर सिंह और 28 अन्य के खिलाफ रंगदारी (वसूली) का मामला दर्ज किया था। मामले में सिंह के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया गया था। हाल में एक अदालत ने सिंह को भगोड़ा घोषित किया था और कई महीनों तक उनका कुछ अता-पता नहीं चल पाया था। वह बृहस्पतिवार को मुंबई पहुंचे। उनके आने के बाद मुंबई पुलिस की अपराध शाखा ने वसूली के एक अलग मामले में उनसे सात घंटे तक पूछताछ की।

परमबीर सिंह पर महाराष्ट्र में वसूली के कुल पांच मामले दर्ज हैं। उन्हें इस साल मुंबई पुलिस के शीर्ष अधिकारी के पद से उस समय हटा दिया गया था, जब उद्योगपति मुकेश अंबानी के घर ‘एंटीलिया’ के पास एक एसयूवी मिलने के मामले में पुलिस अधिकारी सचिन वाजे को गिरफ्तार किया गया था और कारोबारी मनसुख हिरन की संदिग्ध स्थिति में मौत हो गई थी। एंटीलिया के पास मिले वाहन में विस्फोटक बरामद हुए थे। उच्चतम न्यायालय ने कुछ दिन पहले ही सिंह को गिरफ्तारी से संरक्षण दिया था।

सोमवार को आयोग के सामने पेशी

महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख के विरुद्ध लगे भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच कर रहे एक सदस्यीय आयोग के समक्ष, भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारी परमबीर सिंह सोमवार को पेश होंगे। सिंह के वकील ने यह जानकारी दी। मुंबई पुलिस के पूर्व प्रमुख सिंह ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता देशमुख पर आरोप लगाए थे जिसकी जांच के लिए इस साल मार्च में न्यायमूर्ति के यू चंडीवाल आयोग का गठन किया गया था। आयोग ने बृहस्पतिवार को चेतावनी दी थी कि अगर सिंह पेश नहीं होते हैं तो उन्हें उनके विरुद्ध जारी जमानती वारंट पर अमल की कार्रवाई झेलनी होगी। वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी ने वकील ने शुक्रवार को आयोग को बताया कि सिंह अपने विरुद्ध दर्ज एक मामले के सिलसिले में आज ठाणे गए हैं इसलिए आयोग के सामने उपस्थित नहीं हो सकेंगे। वकील ने कहा कि सिंह, शनिवार या किसी और दिन पेश होने के लिए तैयार हैं।

सचिन वाजे की पेशी

बर्खास्त पुलिस अधिकारी सचिन वाजे ने शुक्रवार को यहां एक जांच आयोग के सामने कहा कि आईपीएस अधिकारी परमबीर सिंह ने उन्हें किसी के लिए अवैध रूप से पैसे की उगाही करने की गतिविधि में शामिल नहीं होने की सलाह दी थी। परमबीर सिंह, छह महीने बाद बृहस्पतिवार को सार्वजनिक रूप से सामने आए और वह सोमवार को न्यायमूर्ति के. यू. चंडीवाल आयोग के समक्ष पेश हो सकते हैं। सिंह का आरोप है कि तत्कालीन गृह मंत्री देशमुख ने पुलिसकर्मियों से, मुंबई के बार और रेस्तरां के मालिकों से हर महीने सौ करोड़ रुपये जबरन वसूली करने को कहा था। एक सदस्यीय आयोग इन आरोपों की जांच कर रहा है। शुक्रवार को देशमुख की वकील अनीता कैस्टेलिनो ने वाजे से पूछताछ की।

आयोग के समक्ष वाजे के हलफनामे का हवाला देते हुए, वकील ने पूछा कि क्या तत्कालीन मुंबई पुलिस आयुक्त सिंह ने वाजे को किसी दबाव में आकर किसी की ओर से अवैध रूप से धन की उगाही करने को कहा था या नहीं। इस पर वाजे ने जवाब दिया कि सिंह ने उनसे ऐसा नहीं करने को कहा था। यह पूछे जाने पर कि उन्होंने आईपीएस अधिकारी की सलाह मानी या नहीं, वाजे ने कहा, “मैं पहले ही फंस चुका था। वाजे ने खुद को एक ऐसा ईमानदार अधिकारी बताया जिस पर कुछ दुर्भाग्यपूर्ण परिस्थितियों में दबाव डालकर कानून के विरुद्ध काम करवाया गया। 

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