महाराष्ट्र सरकार में कैबिनेट मंत्री नवाब मलिक ने नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) के जोनल डायरेक्टर समीर वानखेड़े के पिता द्वारा दायर मानहानि के मुकदमे के संबंध में बॉम्बे हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। समीर वानखेड़े के पिता ध्यानदेव कचरूजी वानखेड़े ने नवाब मलिक के खिलाफ कथित तौर पर उनके परिवार को बदनाम करने के लिए बॉम्बे हाईकोर्ट का रुख किया था।
नवाब मलिक ने समीर वानखेड़े पर सरकारी नौकरी पाने के लिए उनके जाति प्रमाण पत्र में फर्जीवाड़ा करने का आरोप लगाया था।
बॉम्बे हाई कोर्ट में जस्टिस माधव जामदार की बेंच के सामने पिछले हफ्ते मानहानि के मुकदमे पर लंबी बहस हुई। 12 नवंबर को सुनवाई के बाद, पीठ ने अंतरिम चरण में अपना आदेश सुरक्षित रख लिया था, जहां वानखेड़े मलिक के खिलाफ निषेधाज्ञा की मांग कर रहे हैं।
चूंकि आदेश पहले से ही सुरक्षित है, नवाब मलिक के वकील तकनीकी रूप से न्यायाधीश से विशेष अनुमति के बिना हाईकोर्ट में हलफनामा दाखिल नहीं कर पाएंगे।
नवाब मलिक के वकीलों ने बंबई उच्च न्यायालय में यह उम्मीद जतायी है कि गुरुवार को न्यायमूर्ति जामदार उन पर सुनवाई करेंगे। उन्होंने वानखेड़े के वकीलों को भी सूचित किया कि उन्हें गुरुवार दोपहर 2.15 बजे न्यायमूर्ति जामदार के कक्ष में उपस्थित होना है
मीर वानखेड़े के वकील इस स्तर पर किसी भी अतिरिक्त दस्तावेज को दाखिल करने का विरोध कर सकते हैं। आपको बता दें कि मुकदमे में दलीलें तीन घंटे से अधिक समय तक सुनी जा चुकी हैं और आदेश सुरक्षित है।
अतिरिक्त हलफनामा समीर वानखेड़े के कुछ दस्तावेजों से संबंधित है जो नवाब मलिक अपने मामले को साबित करने के लिए जोड़ना चाहते हैं।ध्यानदेव ने वानखेड़े परिवार के खिलाफ इस जुबानी हमले को अंजाम देने के लिए नवाब मलिक से 1.25 करोड़ रुपये मुआवजे की मांग भी की है।
समीर वानखेड़े मुंबई क्रूज ड्रग्स बस्ट मामले में बॉलीवुड अभिनेता शाहरुख खान के बेटे आर्यन के खिलाफ मामले की अगुवाई करने के बाद से सुर्खियों में हैं।