शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान पर चल रहे केस को लेकर एनडीपीसी एक्ट और इसके सख्त प्रावधानों पर चर्चा के बीच सामाजिक न्याय और आधिकारिता मंत्रालय नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस ऐक्ट (NDPS) में बदलाव करना चाहता है। मंत्रालय के प्रस्ताव के मुताबिक, कम मात्रा में ड्रग्स की बरामदगी और व्यक्तिगत उपभोग को गैर-अपराधिक बनाया जा सकता है
सिफारिशों को राजस्व विभाग को भेजा गया है, जोकि एनडीपीएस ऐक्ट के लिए नोडल अथॉरिटी है। विभाग ने कई मंत्रालयों से कानून में बदलाव को लेकर सलाह मांगी थी। शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान पर इसी कानून की धाराएं लगी हैं और उनकी जमानत याचिका को एनडीपीएस कोर्ट ने खारिज कर दिया है। आर्यन खान पर अधिनियम की धारा 27 लगाई गई है, जिसमें किसी भी मादक पदार्थ के सेवन के लिए एक साल तक की कैद या 20,000 रुपए तक जुर्माना या दोनों का प्रावधान है। यह ड्रग्स के आदी या पहली बार इस्तेमाल करने वाले में फर्क नहीं करता।
एक आरोपी इस दंड या जेल की सजा से छूट का लाभ तभी उठा सकता है जब वह खुद रीहबिलटैशन के लिए पहल करे। इसके अलावा एनडीपीएस ऐक्ट के तहत राहत या छूट का कोई प्रावधान नहीं है। सामाजिक न्याय और आधिकारिता मंत्रालय ने सलाह दी है कि जिनके पास कम मात्रा में ड्रग्स मिले उन्हें जेल की सजा की जगह रीहबिलटैशन के लिए भेजाना चाहिए।