बार-बार समन के बावजूद महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख के पेश नहीं होने पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने अदालत का दरवाजा खटखटाया है। ईडी ने कोर्ट से मनी लांड्रिग मामले के आरोपित देशमुख के खिलाफ आइपीसी की धारा 174 (सरकारी सेवक के आदेश का पालन नहीं करना) के तहत कार्रवाई की मांग की है।
इसमें आरोपित को एक महीने तक का कारावास व पांच सौ रुपये तक का अर्थदंड या दोनों सजाएं सुनाई जा सकती हैं। केंद्रीय एजेंसी ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) नेता देशमुख के खिलाफ मनी लांड्रिंग का मुकदमा दर्ज किया है। उसने देशमुख को अपने समक्ष पेश होने के लिए कई बार समन जारी किए, लेकिन वह अब तक उपस्थित नहीं हुए हैं।
इस मामले में देशमुख के सहयोगी संजीव पलांडे व कुंदन शिंदे को गिरफ्तार किया जा चुका है। इनके अलावा ईडी ने मुंबई पुलिस के बर्खास्त पुलिस अधिकारी सचिन वाझे के खिलाफ हाल ही में आरोप पत्र दाखिल किया है। हालांकि, आरोप पत्र में देशमुख या उनके परिवार के किसी सदस्य को आरोपित नहीं बनाया गया है। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआइ) ने 21 अप्रैल को देशमुख व अन्य के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी। यह मुकदमा मुंबई पुलिस के पूर्व आयुक्त परमबीर सिंह द्वारा देशमुख पर लगाए गए भ्रष्टाचार के आरोप पर आधारित था। इसके बाद ईडी ने भी जांच शुरू की थी। परमबीर सिंह ने आरोप लगाया था कि देशमुख ने सचिन वाझे को हर महीने महानगर के होटल व बार से 100 करोड़ रुपये की उगाही को कहा था। हालांकि, देशमुख ने आरोपों से इन्कार किया था, लेकिन अप्रैल में उन्हें अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा था।
गौरतलब है कि महाराष्ट्र के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख के मुंबई, नागपुर व पुणे स्थित कई ठिकानों पर शुक्रवार को आयकर विभाग ने छापे मारकर तलाशी ली। देशमुख पहले से सीबीआइ व प्रवर्तन निदेशालय के निशाने पर रहे हैं। अनिल देशमुख 100 करोड़ रुपये की वसूली के मामले में सीबीआइ व ईडी के निशाने पर हैं। मुंबई उच्च न्यायालय के निर्देश पर सीबीआइ उनके भ्रष्टाचार की जांच कर रही है। ये दोनों केंद्रीय एंजेसियां भी देशमुख के ठिकानों पर कई बार छापेमारी कर चुकी हैं। प्रवर्तन निदेशालय उनके दो सहयोगियों को गिरफ्तार कर उनके खिलाफ मनी लांड्रिंग मामले में चार्जशीट भी दाखिल कर चुका है। 26 जून को गिरफ्तार किए गए देशमुख के निजी सचिव संजीव पलांडे को राज्य सरकार ने निलंबित भी कर दिया है।