प्रवर्तन निदेशालय ने मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े मामले में महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार के खिलाफ जांच तेज कर दी है। अजित और उनकी पत्नी सुनेत्रा पवार से जुड़ी एक शुगर फैक्ट्री को जब्त करने के बाद अब फैक्ट्री को लोन दिए गए 750 करोड़ रुपये की जांच शुरू कर दी गई है। शुगर फैक्ट्री को इतना लोन चार कोऑपरेटिव बैंकों की तरफ से दिया गया है।
ईडी ने लोन के मामले में जिन चार बैंकों को नोटिस भेजा है, उनमें पुणे डिस्ट्रिक्ट सेंट्रल कोऑपरेटिव बैंक भी शामिल है, जिसमें पवार खुद भी डायरेक्टर हैं। ईडी चार बैंकों की तरफ से जरनदेश्वर सहकारी शुगर कारखाना (SSK) को दिए गए 750 करोड़ रुपये की जांच कर रही है। ईडी, महाराष्ट्र स्टेट कोऑपरेटिव बैंक से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस की जांच कर रही है।
जरनदेश्वर SSK को गुरु कमोडिटी सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड ने खरीदा था। इसने जरनदेश्वर SSK को फौरन ही जरनदेश्वर शुगर मिल्स प्राइवेट लिमिटेड को लीज पर दे दिया। मिल की खरीद में इस्तेमाल किए गए फंड का हिस्सा स्पार्क्लिंग सॉइल प्राइवेट लिमिटेड से प्राप्त हुआ। ईडी के अनुसार यह कंपनी भी पवार और उनकी पत्नी से जुड़ी हुई है। जरनदेश्वर SSK का वास्तविक नियंत्रण इसी कंपनी के हाथों में था।