मशहूर गीतकार और शायर जावेद अख्तर समाजिक और राजनीतिक मुद्दों पर काफी मुखरता से अपनी बात रखते रहे हैं। वो सोशल मीडिया पर भी काफी एक्टिव रहते हैं। सोमवार को जावेद अख्तर ने मुगलों को विदेशी कहे जाने पर एतराज करते हुए एक ट्वीट किया, जिसमें उन्होंने कहा कि शाहजहां की कई पीढ़ी भारत में रहने के बावजूद उसे विदेशी कहा जाता है लेकिन अगर अमेरिका को देखें तो वहां ओबामा को लेकर कोई सवाल नहीं है, जिनके पिता केन्या से आए थे। उनके इस ट्वीट को लेकर सोशल मीडिया पर काफी बहस है।
जावदे अख्तर ने ट्वीट कर लिखा, बराक ओबामा के पिता केन्या के रहने वाले थे और उसकी चाची आज भी केन्या में रहती है लेकिन ओबामा अमेरिका में पैदा हुए तो उन्हें राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव लड़ने का अधिकार मिल गया। वहीं शाहजहां भारत में पैदा होने वाली पांचवी पीढ़ी के थे और उनकी दादी और मां राजपूत थीं। या यूं कहें कि उनका 75 प्रतिशत खून राजपूत था, लेकिन वे लोग अभी भी विदेशी कहे जाते हैं।
जावेद अख्तर के इस ट्वीट पर कई लोगों ने उनको ट्रोल करने की कोशिश की है। खासतौर से दक्षिणपंथी रुझान रखने वाले कई लोगों ने उनके ट्वीट पर आपत्ति जताई है। जावेद अख्तर के इस ट्वीट फिल्ममेकर विवेक रंजन अग्निहोत्री ने लिखा, आप यहां गलत हैं. ओबामा के पैरेंट्स या दादा ने अमेरिका पर आक्रमण नहीं किया। अगर आप शाहजहां के साथ ओबामा की समानता कर रहे हैं, तो ओबामा ने अमेरिका में कभी भी चर्चों को ध्वस्त नहीं किया और ना ही तलवार के दम किसी अमेरिकी का धर्म परिवर्तन करवाया. ओबामा को अत्याचारी शासक नहीं थे. ये एक अतार्किक तर्क है।
रत्ना वाजपेयी नाम की यूजर ने टिप्पणी की कि विदेशी, घूमने या काम करने आने वाले और विदेशी हमलावर में अंतर पता होना चाहिए। भैरव नाम के यूजर ने कहा कि क्या किसी इस्लामी देश में पैदा होने वाले हिंदू को वहां का प्रधानमंत्री या राष्ट्रपति चुना जा सकता है?