मुंबई, 1 सितंबर । 26 सितंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा अनावरण की गई छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा के ढहने से पूरे महाराष्ट्र में आक्रोश फैल गया। इस घटना के खिलाफ महाविकास अघाड़ी ने मुंबई में ‘जोड़े मारो’ विरोध प्रदर्शन किया. इस आंदोलन का नेतृत्व राकांपा अध्यक्ष शरद पवार, शिवसेना ठाकरे समूह के प्रमुख उद्धव ठाकरे और कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने किया।
महाविकास अघाड़ी के कार्यकर्ताओं ने मुंबई की सड़कों पर उतरने का फैसला किया, जिससे यह स्पष्ट संदेश दिया गया कि छत्रपति शिवाजी महाराज का अपमान बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने ‘जय भवानी, जय शिवाजी’ और ‘जैसे नारों के साथ गेटवे ऑफ इंडिया की ओर मार्च किया। ‘छत्रपति शिवाजी महाराज की जय’.
शुरुआत में पुलिस ने इस मार्च की इजाजत देने से इनकार कर दिया था. हालांकि, महाविकास अघाड़ी ने सवाल उठाया था कि रविवार की छुट्टी के दिन भी कार्यालय बंद थे तो आंदोलन की अनुमति क्यों नहीं दी गई। इस दमन के खिलाफ आवाज उठाने के बाद पुलिस ने अपना रुख बदला और मार्च के लिए रास्ता साफ कर दिया. बैरिकेड्स भी हटा दिए गए.
इस आंदोलन के जरिए महाविकास अघाड़ी ने राज्य सरकार पर जमकर निशाना साधा और सरकार की कार्यकुशलता पर सवाल उठाए. मूर्ति गिरने की घटना पर सरकार के रुख की काफी आलोचना हुई.