नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) के जोनल डायरेक्टर समीर वानखेड़े के पिता की ओर से दायर किए गए मानहानि केस में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) नेता नवाब मलिक ने हाई कोर्ट में माफी मांगी है। वहीं, कोर्ट ने उन्हें एक हलफनामा दायर करके यह बताने को कहा है जानबूझकर कोर्ट के आदेश का उल्लंघन करने की वजह से उनपर कार्रवाई क्यों ना की जाए।
दरअसल, कोर्ट में मलिक को इसलिए माफी मांगनी पड़ी क्योंकि वानखेड़े के परिवार के खिलाफ कोई टिप्पणी नहीं करने का वादा करने के बावजूद उन्होंने ऐसा किया। हाई कोर्ट ने मलिक को नोटिस जारी किया और उन्हें एक हलफनामा दायर करके यह बताने को कहा है कि कोर्ट के पहले के आदेश का जानबूझकर उल्लंघन करने की वजह से उनपर कार्रवाई क्यों ना की जाए?
गौरतलब है कि इस साल अक्टूबर में वानखेड़े ने एक क्रूज जहाज पर छापेमारी की थी और दावा किया था कि जहाज से मादक पदार्थ जब्त किए गए। इस मामले में अभिनेता शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान और कुछ अन्य लोग आरोपी हैं। छापेमारी के बाद, महाराष्ट्र के मंत्री मलिक ने वानखेड़े के खिलाफ कई आरोप लगाए थे, जिसमें उन्होंने कहा था कि एनसीबी अधिकारी जन्म से मुस्लिम थे और सरकारी नौकरी पाने के लिए एक फर्जी प्रमाण पत्र पेश किया। उन्होंने दावा किया था कि वानखेड़े अनुसूचित जाति के नहीं हैं। वानखेड़े ने इन आरोपों से इनकार किया है।
सोशल मीडिया पोस्ट्स को लेकर वानखेड़े, उनकी पत्नी पहुंचे अदालत
इस बीच समीर वानखेड़े और उनकी पत्नी ने मुंबई की एक अदालत में याचिका दायर कर सोशल मीडिया कंपनियों को अपने मंचों पर दंपत्ति के खिलाफ ”दुर्भावनापूर्ण और अपमानजनक” सामग्री प्रकाशित या प्रदर्शित करने करने से रोकने का निर्देश देने का अनुरोध किया है। उपनगर बोरीवली में एक दीवानी अदालत में दायर मुकदमे में वानखेड़े और उनकी पत्नी और अभिनेत्री क्रांति रेडकर ने अनुरोध किया है कि ‘गूगल इंडिया’, ‘फेसबुक इंडिया’ ऑनलाइन सेवाओं और ‘ट्विटर कम्युनिकेशंस इंडिया’ को उनके खिलाफ अपने मंचों पर कोई भी ”आपत्तिजनक” पोस्ट की अनुमति देने से स्थायी रूप से रोका जाए। मुकदमे में दावा किया गया है कि एनसीबी अधिकारी ने जिन लोगों के खिलाफ कार्रवाई की है, उनके इशारे पर विभिन्न ”अनैतिक तत्व” सोशल मीडिया मंचों के जरिए ”प्रायोजित गलत सूचना” फैला रहे हैं।