बीजेपी के पूर्व विधायक अभिराम सिंह के बेटे डॉक्टर सत्येंद्र सिंह के कांग्रेस में शामिल होने के साथ ही कांग्रेस में उत्तर भारतीयों की वापसी शुरू हो गई है। मुंबई कांग्रेस के उच्च पदस्थ सूत्रों का कहना है कि जल्द ही उत्तर भारतीय समाज के कई अन्य सम्माननीय लोग कांग्रेस में शामिल होने जा रहे हैं। शुक्रवार को मुंबई कांग्रेस के मुख्यालय राजीव गांधी भवन में डॉ़ सत्येंद्र सिंह अपने कई समर्थक कार्यकर्ताओं के साथ मुंबई कांग्रेस में शामिल हुए। मुंबई कांग्रेस के अध्यक्ष भाई जगताप ने सभी का कांग्रेस में स्वागत किया। इस मौके पर पूर्व सांसद और दिल्ली प्रदेश कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष जयप्रकाश अग्रवाल भी मौजूद थे।
डॉ़ सत्येंद्र सिंह और उनके साथ कांग्रेस पार्टी में शामिल हुए उनके समर्थकों का स्वागत करते हुए भाई जगताप ने घोषणा की कि मुंबई के सभी छह जिलों में मुंबई कांग्रेस उत्तर भारतीय सम्मेलन आयोजित करने जा रही है। इन सम्मेलनों के आयोजन की जिम्मेदारी कांग्रेस उत्तर भारतीय सेल को दी गई है। पहला सम्मेलन शनिवार को उत्तर मध्य मुंबई लोकसभा क्षेत्र की कालीना विधानसभा चुनाव क्षेत्र में होगा।
कांग्रेस और उत्तरभारतीय एक दूजे के लिए
भाई जगताप ने कहा कि मुंबई से लेकर पूरे उत्तर भारत तक अगर किसी ने उत्तर भारतीय समाज को न्याय देने का काम अब तक किया है, तो वह कांग्रेस ने किया है। उत्तर भारतीय समाज की तरक्की और खुशहाली में कांग्रेस की बड़ी भूमिका रही है। इसी तरह समग्र उत्तर भारतीय समाज ने भी कांग्रेस को भरपूर प्यार दिया है। उत्तर भारतीय समाज को फिर से कांग्रेस के साथ जोड़ने के लिए मुंबई कांग्रेस ने उत्तर भारतीय सम्मेलनों के आयोजन का फैसला लिया है।
चौपाल बनाम सम्मेलन
बता दें कि इन दिनों बीजेपी भी मुंबई भर में उत्तर भारतीय समाज को जोड़ने के लिए चौपाल का आयोजन कर रही है। अब कांग्रेस ने भी उत्तर भारतीय सम्मेलनों का आयोजन कर बीजेपी की चौपालों को टक्कर देने की योजना बनाई है।
कालीना है उत्तरभारतीयों का गढ़
पहले के सांताक्रुज विधानसभा चुनाव क्षेत्र को अब कालीना विधानसभा क्षेत्र के नाम से जाना जाता है। पिछले 24 साल से इस सीट से उत्तर भारतीय ही विधायक का चुनाव जीतता रहा है। शुक्रवार को कांग्रेस में शामिल होने वाले डॉ़ सत्येंद्र सिंह के पिता अभिराम सिंह यहां से पहली बार 1990 में बीजेपी के टिकट पर विधायक चुने गए थे। 1995 में जी अभिराम सिंह दोबारा विधायक चुने गए, लेकिन 1999 में कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़े कृपाशंकर सिंह ने उन्हें हरा दिया। उसके बाद से बीजेपी ने अभिराम सिंह को हाशिए पर डाल दिया। अब एक बार फिर गणित बदल रहा है। कृपाशंकर सिंह बीजेपी में और अभिराम सिंह के बेटे कांग्रेस में शामिल हो गए हैं।