मुंबई पुलिस के पूर्व आयुक्त परमबीर सिंह की मुश्किलें बढ़ने वाली हैं. खबर है कि महाराष्ट्र सरकार ने एंटी करप्शन ब्यूरो को पुलिस अधिकारी के खिलाफ एक और खुली जांच शुरू करने की इजाजत दे दी है.
एसीबी पहले ही सिंह के खिलाफ एक पुलिस इंस्पेक्टर की शिकायत पर जांच कर रही है. उनके खिलाफ एक अन्य पुलिस इंस्पेक्टर बीआर घाडगे ने शिकायत दर्ज कराई थी, जिसमें उन्होंने आपराधिक साजिश रचने और सबूत मिटाने जैसे आरोप लगाए थे.
जानकार बताते हैं कि महाराष्ट्र सरकार ने सिंह के खिलाफ एक और जांच शुरू करने के लिए एसीबी को हरी झंडी दे दी है. ताजा जांच घाडगे की शिकायत के आधार पर होगी. अप्रैल में दर्ज कराई एफआईआर में उन्होंने पूर्व पुलिस आयुक्त पर आपराधिक साजिश रचने, सबूत मिटाने और प्रिवेंशन ऑफ एट्रोसिटीज एक्ट के तहत आरोप लगाए थे.
इसके अलावा घाडगे ने सिंह पर भ्रष्टाचार और सीनियर इंस्पेक्टर्स की नियुक्ति के बदले पैसे लेने के भी आरोप लगाए थे. राज्य के गृह विभाग से मिली अनुमति के बाद अब एसीबी सोमवार से दूसरी जांच शुरू कर सकेगी. इस दौरान वे नए गवाहों, संदिग्धों को पूछताछ के लिए बुला सकती है, उनके बयान रिकॉर्ड किए जा सकते हैं. साथ ही ब्यूरो लुकआउट नोटिस भी जारी कर सकती है.
एसीबी पहले ही सिंह के खिलाफ पुलिस इंस्पेक्टर अनूप दांगे की शिकायत पर जांच कर रहा है. दांगे ने आरोप लगाया था कि सिंह ने बीते साल उनके निलंबन के दौरान रिश्तेदार के जरिए बहाल करने के लिए 2 करोड़ रुपये की मांग की थी.
राज्य के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को पत्र लिखने के बाद पूर्व पुलिस अधिकारी के खिलाफ शिकायतें बढ़ना शुरू हो गई थी. सीएम को लिखे पत्र में उन्होंने राज्य के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख पर हर महीने मुंबई के बार और रेस्त्रां से 100 करोड़ रुपये की वसूली के लिए कहने के आरोप लगाए थे. इसके बाद से ही देशमुख के खिलाफ सीबीआई जांच शुरू हो गई थी और उन्हें इस्तीफा देना पड़ा था.