राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रमुख शरद पवार ने महाराष्ट्र में अपने सहयोगी दल कांग्रेस को लेकर टिप्पणी की है. उन्होंने कांग्रेस की तुलना गरीब जमींदारों से की है, जो अपने इतिहास के गौरव की याद दिलाते हैं.
वहीं उनकी इस टिप्पणी पर कांग्रेस ने भी पलटवार किया है और उन्हें दो दशक पहले के विश्वासघात की याद दिलाई है.
शरद पवार ने मराठी वेब चैनल मुंबई तक को दिए एक इंटरव्यू में 136 साल पुरानी पार्टी की तुलना उत्तर प्रदेश के जमींदारों से की है. उनका कहना है कि वे सोचते हैं कि वे जमींदार हैं और शासन करने की शक्ति उनके पास है. उन्होंने आगे कहा कि लैंड सीलिंग एक्ट लागू होने के बाद जमींदारों ने अपनी बड़ी जमीनें खो दीं. इसके बाद उनके लिए अपनी हवेलियों का रखरखाव भी मुश्किल हो गया.
एनसीपी प्रमुख ने कहा, ‘हर सुबह, वे जमीन को देखते हुए उठते हैं और दावा करते हैं कि जमीन के टुकड़े उनके हुआ करते थे. कांग्रेस की भी ऐसी ही सोच है. उन्हें वास्तविकता को स्वीकार करना चाहिए.’ हालांकि, उन्होंने कहा कि बीजेपी का विकल्प देने के लिए कांग्रेस एकमात्र पार्टी है.
उन्होंने कहा, ‘कांग्रेस पांच से सात राज्यों में शासन में है. लेकिन वो कमजोर हो गई है. आज की कांग्रेस उतनी सशक्त नहीं है जैसी पहले हुआ करती थी. कांग्रेस को अन्य विपक्षी दलों को स्थिरता के लिए एक साथ लाकर बीजेपी के लिए एक विकल्प पेश करना चाहिए. इसे विकास कार्यक्रम को आगे ले जाना चाहिए. लेकिन यह वो जगह है जहां वो विफल रही है.’
पवार ने कहा कि अगर कांग्रेस स्वीकार करती है कि वह कमजोर हो गई है, तो वह सभी विपक्षी दलों को एक साथ लाने में मदद करेगी. पवार के इस बयान पर कांग्रेस ने भी तीखी प्रतिक्रिया दी है. महाराष्ट्र कांग्रेस प्रमुख नाना पटोले ने पवार को 1990 के दशक के आखिरी में उनके विश्वासघात की याद दिलाई है.
नाना पटोले ने कहा, ‘कांग्रेस नेतृत्व द्वारा जिन नेताओं को सत्ता सौंपी गई थी, उन्होंने आखिरकार उसे धोखा दिया है. कांग्रेस कभी जमींदारों की पार्टी नहीं रही. पार्टी ने कई नेताओं को रखरखाव के लिए अपनी जमीन दी, लेकिन उन्होंने इसे वर्षों तक हड़प लिया.’ पटोले ने कहा कि 2024 में देश का अगला प्रधानमंत्री कांग्रेस से होगा.
वहीं बीजेपी ने भी शरद पवार के बयान को लेकर उनका समर्थन किया है. बीजेपी नेता और महाराष्ट्र में विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि पवार ने कांग्रेस को आईना दिखाया है और सबसे पुरानी पार्टी को अब यह महसूस करना चाहिए कि वह अपने पिछले क्रेडिट पर जीवित नहीं रह सकती है.