महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार के खिलाफ मुंबई हाई कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई है। यह याचिका निलंबित पुलिस अधिकारी सचिन वाजे द्वारा लिखे गए पत्र में आरोपों पर आधारित है। वाजे वर्तमान में पुलिस हिरासत में है और उस पर एंटीलिया विस्फोटक मामले और मनसुख हिरण हत्या मामले में आरोप लगाया गया है।
पत्र में लिखा है कि गुटखा व्यापारी दर्शन घोडावत से 100 करोड़ रुपये की वसूली की बात कही गयी है।
ऐसा दावा वाजे ने किया है। पत्र में कहा गया है कि घोडावत पवार का करीबी है। इसलिए सीबीआई (CBI) को पवार की जांच करनी चाहिए। ऐसा याचिका में कहा गया है। याचिका वकिल रत्नाकर डावरे ने दायर की है।
रिमांड पर सुनवाई के दौरान वाजे ने विशेष अदालत को पत्र दिया था। हालांकि, विशेष न्यायाधीश ने पत्र को स्वीकार करने से इनकार कर दिया। अदालत ने निर्देश दिया था कि पक्षकारों को नियमित कानूनी प्रक्रिया के अनुसार अपना मामला पेश करना चाहिए। पत्र में परिवहन मंत्री अनिल परब पर भी आरोप लगाया गया है। इसलिए याचिकाकर्ता ने पवार और परब की जांच की मांग की है। जल्द ही इस मामले की नियमित अदालत में सुनवाई होने की संभावना है।