महाराष्ट्र के गृह विभाग ने मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह को भगोड़ा घोषित करने का प्रस्ताव दिया है। गृह विभाग ने इंटेलिजेंस ब्यूरो को सूचित किया है कि आईपीएस अधिकारी का पता नहीं चल रहा है और उसे खोजने के लिए केंद्रीय एजेंसी की मदद भी मांगी है।
महाराष्ट्र गृह विभाग के अधिकारियों के मुताबिक, परमबीर सिंह को भगोड़ा घोषित करने की कानूनी प्रक्रिया शुरू हो गई है। विभाग ने कानूनी औपचारिकताओं का पालन करते हुए प्रस्ताव को फुलप्रूफ बनाने के लिए कानूनी राय मांगी है। इस साल मई से लापता होने के बाद राज्य ने पहले ही अधिकारी को निलंबित करने का प्रस्ताव दिया था। गृह विभाग ने उनके खिलाफ एंटीलिया विस्फोटक मामले में चूक के लिए विभागीय जांच भी शुरू कर दी है।
विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, “हमने आईबी को सूचित किया है कि मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह का पता नहीं चल पा रहा है और उन्होंने तीन महीने से अधिक समय से काम करने की सूचना भी नहीं दी है। हमने आईबी से मदद की गुहार लगाते हुए उन्हें फरार घोषित करने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी है। हम इसके लिए कानूनी राय ले रहे हैं।”
बता दें कि मई माह से स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए छुट्टी पर जाने के बाद से परमबीर सिंह लापता हैं। परमबीर सिंह को उनके चंडीगढ़ स्थित आवास पर कई पत्र भेजे गए और उनके ठिकाने के बारे में पूछताछ की गई। लेकिन कोई जवाब नहीं मिला। पिछले महीने गृह मंत्री दिलीप वालसे पाटिल ने कहा था कि वे आईपीएस अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए अखिल भारतीय सेवा (आचरण) नियमों के प्रावधानों को देख रहे हैं।
मुंबई की ठाणे पुलिस ने जुलाई में परमबीर सिंह के खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी किया था। वह पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख के खिलाफ उनके द्वारा भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच के लिए राज्य सरकार द्वारा गठित चांदीवाल आयोग के समक्ष पेश होने में बार-बार विफल रहे हैं।