महाराष्ट्र के मंत्री नितेश राणे द्वारा 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षा के दौरान बुर्का पहनने पर पाबंदी लगाने को लेकर दिए गए बयान से राज्य की सियासत एक बार फिर गरमा गई है। नितेश राणे ने इस मुद्दे को लेकर स्कूल शिक्षा मंत्री दादा भूसे को पत्र लिखा था, जिसमें उन्होंने कहा था कि परीक्षा केंद्रों पर बुर्का पहनने से सुरक्षा और नकल संबंधी समस्याएं हो सकती हैं। राणे का कहना था कि 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षा देने वाली छात्राओं को बुर्का पहनने की अनुमति नहीं होनी चाहिए, यदि आवश्यक हो तो जांच के लिए महिला पुलिस अधिकारी या महिला कर्मचारियों की नियुक्ति की जानी चाहिए। यदि परीक्षार्थियों को बुर्का पहनने की अनुमति दी गई, तो यह पता लगाना कठिन हो जाएगा कि नकल करने के लिए इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों या अन्य साधनों का इस्तेमाल किया जा रहा है या नहीं।
नितेश राणे के इस बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए महाराष्ट्र माइनॉरिटी कमीशन के अध्यक्ष प्यारे खान ने कहा कि इस तरह के बयानों से सरकार की छवि खराब होती है। उन्होंने राणे से कहा कि इस प्रकार के गैर-जिम्मेदाराना बयानों से बचना चाहिए। प्यारे खान ने कहा शिक्षा विभाग में कोई भी कायदा नहीं है, नियम नहीं है कि आप यह पहन कर आइए या वो पहन कर आइए। उन्होंने कहा कि यदि किसी की वेशभूषा से तकलीफ है, सिख समुदाय भी पगड़ी बांधता है, यदि लग रहा है कि बुर्के से चीटिंग हो सकती है तो सरकार की तरफ से वहां पर स्कैनर लगाए जा सकते हैं, जिस तरीके की व्यवस्था एयरपोर्ट पर है। उन्होंने कहा कि कोई भी किसी भी तरीके का वस्त्र धारण कर सकता है, इसमें जबरदस्ती नहीं है।
प्यारे खान ने राणे को यह भी याद दिलाया कि आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने हाल ही में यह कहा था कि हिंदू नेता बनने के लिए मंदिर-मस्जिद के मुद्दे उठाने की बजाय काम करना पड़ता है। प्यारे खान ने यह टिप्पणी करते हुए राणे को आईना दिखाते हुए कहा कि सिर्फ भाषणों से नेता नहीं बनते, नेता बनने के लिए काम करना पड़ता है।
प्यारे खान ने कहा कि महाराष्ट्र प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व में विकास की तरफ बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने मुस्लिम समुदाय के लिए 15 सूत्री कार्यक्रम की शुरुआत की है, जो सबका साथ, सबका विकास के तहत काम कर रहा है। खान ने यह भी कहा कि मुस्लिम समाज को यह समझ में आ गया है कि किस पार्टी ने वास्तव में विकास के कार्य किए हैं। राणे के बयान को लेकर उन्होंने कहा कि इस प्रकार का बयान सरकार को बदनाम करने की साजिश है, कुछ लोगों के बयान से कोई असर पड़ने वाला नहीं है।
प्यारे खान ने नितेश राणे से अपील की कि वे ऐसे बयान देने से बचें जो आपस में दूरियां पैदा करेगा। उन्होंने कहा कि नितेश राणे को इस तरीके के गैर-जिम्मेदार बयान से बचना चाहिए, ये महाराष्ट्र के विकास के लिए शोभा नहीं देता। नितेश राणे जिम्मेदार पद पर हैं।