सचिन वाजे ने कहा, स्टेन स्वामी की तरह हिरासत में नहीं मरना चाहता.

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राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) की विशेष अदालत ने मुंबई पुलिस के बर्खास्त अधिकारी सचिन वाजे और सुनील माने को एंटीलिया बम और मनसुख हीरेन हत्या मामले में हिरासत में सौंपे जाने की एनआइए की मांग खारिज कर दी।

वर्तमान में दोनों तालोजा जेल में न्यायिक हिरासत में बंद हैं। समाचार एजेंसी प्रेट्र के अनुसार, विशेष कोर्ट ने सचिन वाजे को निजी अस्पताल में दिल संबंधी बीमारी का इलाज कराने की अनुमति दी। अदालत ने कहा कि इलाज का खर्च वाजे और उसके परिवार द्वारा वहन किया जाएगा। एनआइए ने कोर्ट में दाखिल अपनी अर्जी में सचिन वाजे और सुनील माने को गवाहों का सामना कराने के लिए हिरासत में सौंपने की मांग की थी। गवाहों द्वारा सीआरपीसी की धारा 161 के तहत दिए गए बयान और अन्य प्रमुख लोगों की संदिग्ध भूमिका के बारे में एनआइए ने हिरासत की मांग की थी। वहीं, सचिन वाजे ने कोर्ट से निजी अस्पताल में इलाज का आग्रह करते हुए कहा कि वह हिरासत में आदिवासी अधिकार कार्यकर्ता व पादरी स्टेन स्वामी की तरह मरना नहीं चाहते हैं।

मुकेश अंबानी के मुंबई स्थित आवास के समीप खड़ी कार से विस्फोटक बरामद होने की जांच के सिलसिले में एनआइए ने मार्च में वाजे को गिरफ्तार किया था। रिलायंस उद्योग के चेयरमैन मुकेश अंबानी के घर एंटीलिया के समीप 25 फरवरी को विस्फोटक लदी कार मिलने के मामले में वाजे प्रमुख आरोपित हैं। इसके अलावा वह पकड़ी गई कार के मालिक मनसुख हीरेन की हत्या मामले में भी आरोपित हैं। हीरेन पांच मार्च को ठाणे में मृत पाए गए थे।

सचिन वाजे ने कहा, स्टेन स्वामी की तरह हिरासत में नहीं मरना चाहता

प्रेट्र के मुताबिक, अपने वकील के माध्यम से वाजे ने कोर्ट को बताया कि उनकी आर्टरी (धमनियों) में 90 फीसद ब्लाकेज है और डाक्टरों ने उन्हें तुरंत सर्जरी कराने की सलाह दी है। वाजे ने कोर्ट से निजी अस्पताल में इलाज का आग्रह करते हुए कहा कि वह हिरासत में आदिवासी अधिकार कार्यकर्ता व पादरी स्टेन स्वामी की तरह मरना नहीं चाहते हैं। एलगार परिषद-नक्सली संपर्क मामले में आरोपित स्वामी की पांच जुलाई को मौत हो गई थी। स्वास्थ्य के आधार पर उन्होंने जमानत की मांग की थी।

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