महाराष्ट्र में बीजेपी ने सफाई कर्मचारियों के लिए शुरू की गई आश्रय योजना में बड़े घोटाले का आरोप लगाया है। बीजेपी का आरोप है कि बीएमसी और शिवसेना ने 1844 करोड़ रुपये का घोटाला किया है। बीजेपी का कहना है कि इस योजना में बीएमसी द्वारा तय दर से ठेकेदार ने तीन गुना ज्यादा का टेंडर भरा है। साथ ही प्लान सबमिट कर कुल राशि का 5 प्रतिशत एडवांस लिया है। यह पूरा 1844 करोड़ रुपये का घोटाला है। बीजेपी राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से मिलकर इस मामले की शिकायत करेगी। साथ ही लोकायुक्त से पूरे मामले की जांच की मांग की गई है।
बीएमसी में पार्टी नेता विनोद मिश्रा ने कहा कि बीएमसी ने योजना के तहत 9 स्थानों पर सफाईकर्मियों के घर बनाने की योजना मंजूर की है। सभी प्रॉजेक्ट्स के लिए बीएमसी ने 14,79 करोड़ रुपये की न्यूनतम राशि तय की है। जबकि कॉन्ट्रेक्टर ने बीएमसी की तय दर से लगभग ढाई गुना ज्यादा 33,23 करोड़ रुपये का टेंडर भरा है, जो बीएमसी की दर से 1844 करोड़ रुपये ज्यादा है।
ऐसे हुआ घोटाला
आश्रय योजना के तहत मुंबई और उपनगर में 11 प्रॉजेक्ट्स के लिए सितंबर 2019 में टेंडर मंगाया गया था, लेकिन फरवरी 2020 में प्रशासन ने उसे रद्द कर दिया था। बीएमसी ने 28 अप्रैल 2020 को नई शर्तों के साथ सिर्फ बीएमसी की वेबसाइट पर टेंडर प्रकाशित किया। 11 प्रॉजेक्ट में से 2 ड्रॉप कर दिए गए। 9 प्रॉजेक्ट के लिए करीब 3,300 करोड़ रुपये से अधिक का टेंडर भरा गया। आरोप है कि मई में अतिरिक्त आयुक्त (प्रॉजेक्ट) ने निर्माण की दर 63,333 रुपये स्क्वायर मीटर से कम करके 52,445 स्क्वायर मीटर कर दिया। इतना ही नहीं, बिल्डर को 4800 रुपये वर्ग मीटर पर आश्रय योजना का काम दिया जा रहा है।