राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने बॉम्बे हाईकोर्ट में शिवसेना नेता और मुंबई पुलिस के पूर्व मुठभेड़ विशेषज्ञ प्रदीप शर्मा की जमानत याचिका का विरोध किया। इस दौरान जांच एजेंसी ने कहा कि उन्हें व्यवसायी मनसुख हिरेन को मारने के लिए निलंबित मुंबई पुलिस अधिकारी सचिन वाझे से 45 लाख रुपये का भुगतान किया गया था।
एनआईए ने बुधवार को बॉम्बे हाईकोर्ट में अपने हलफनामे में शर्मा को मनसुख हिरेन हत्याकांड में “मुख्य साजिशकर्ता” करार दिया।
इससे पहले एक चार्जशीट में एनआईए ने कहा था, “3 मार्च, 2021 को आरोपी सचिन वाझे ने शाम के समय पुलिस स्टेशन फाउंडेशन कार्यालय अंधेरी (पूर्व) मुंबई में आरोपी प्रदीप शर्मा से मुलाकात की और बड़ी मात्रा में नकदी वाला एक रेक्सिन बैग सौंपा। बैग 500 रुपये के भारतीय करेंसी नोट के बंडलों से भरा था। इसके बाद आरोपी प्रदीप शर्मा ने आरोपी संतोष शेलार को अपने द्वारा व्यवस्था किए गए गाड़ी की रजिस्ट्रेशन संख्या का पता लगाने के लिए बुलाया। आरोपी संतोष शेलार ने आरोपी सचिन वाझे के बारे में जानकारी दी।”
चार्जशीट से यह भी पता चला था कि 25 फरवरी को
उद्योगपति मुकेश अंबानी के आवास के पास दक्षिण मुंबई में कारमाइकल रोड पर विस्फोटक से लदी एसयूवी प्लांट करने से संबंधित जांच को एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी वाझे को स्थानांतरित किया जा रहा था। हिरेन पर उक्त अपराध की जिम्मेदारी लेने का दबाव बनाया, ताकि मामले की जांच उसके पक्ष में की जा सके। लेकिन हिरन ने इस प्रस्ताव को ठुकरा दिया। चार्जशीट में ये सारी बातें कही गई है।
एनआईए ने मार्च 2021 में मुंबई में मुकेश अंबानी के घर के पास खड़ी एक कार से विस्फोटकों की बरामदगी की जांच के सिलसिले में वाझे को गिरफ्तार किया था। वाझे 25 फरवरी, 2021 को मुंबई में रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी के घर एंटीलिया के पास विस्फोटकों से लदी गाड़ी रखने का मुख्य आरोपी है।
वाझे पर एंटीलिया के बाहर विस्फोटक सामग्री रखने वाले वाहन के मालिक मनसुख हिरेन की हत्या का भी आरोप है। आपको बता दें कि हिरेन 5 मार्च को ठाणे में मृत पाया गया था।