शिवसेना नेता संजय राउत ने बुधवार को पश्चिम बंगाल भाजपा के नवनियुक्त अध्यक्ष सुकांत मजूमदार को उनकी “पश्चिम बंगाल में तालिबान सरकार” टिप्पणी के लिए फटकार लगाई है। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में इस तरह की भाषा का उपयोग राजनीतिक बयान के स्तर को कम करता है। न्यूज एजेंसी एएनआई से बात करते हुए संजय राउत ने कहा कि बीजेपी का मानना है कि हर विपक्षी शासित राज्य में “तालिबानी शासन” है।
उन्होंने कहा, “जहां भाजपा की सरकार नहीं है या विपक्षी दल की सरकार है, वहां भाजपा का मानना है कि तालिबानी शासन है। तालिबानी राज का क्या अर्थ है? लोकतंत्र में इस तरह की भाषा किसी को शोभा नहीं देती। ममता बनर्जी की बहुमत से चुनी हुई है। तो क्या बीजेपी पश्चिम बंगाल के लोगों को ‘तालिबानियों’ कह रही है? अगर राजनीति में ऐसे बयान दिए जाते हैं, तो हमारी राजनीति का स्तर क्या होगा?”
बालुरघाट से सांसद सुकांत मजूमदार ने सोमवार को दिलीप घोष की जगह प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया है। अपनी नियुक्ति के कुछ दिनों बाद, उन्होंने टीएमसी की सरकार की तुलना तालिबान से की और कहा कि वह इसके खिलाफ लड़ेंगे।
शिवसेना नेता ने भारत में लोकतांत्रिक रूप से चुनी गई राज्य सरकारों की तुलना तालिबान से करने वाले भाजपा नेताओं के खिलाफ कार्रवाई नहीं करने के लिए केंद्र सरकार पर भी निशाना साधा। उन्होंने कगा, “एक केंद्रीय मंत्री भी महाराष्ट्र में हमारी सरकार की तुलना तालिबान से कर रहे थे। पश्चिम बंगाल के सांसद वहां की चुनी हुई सरकार को ‘तालिबानी’ कह रहे हैं। केंद्र सरकार इन लोगों के खिलाफ कार्रवाई नहीं कर रही है। क्या इस तरह का व्यवहार स्वीकार्य है? केंद्र और राज्य के बीच टकराव में, अगर कोई राज्य केंद्र के विचारों से सहमत नहीं है, तो क्या ऐसी भाषा का इस्तेमाल किया जा सकता है?”