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बाढ़, भूस्खलन से महाराष्ट्र में अब तक 149 की मौत, कई अभी भी लापता.

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महाराष्ट्र में रायगढ़, रत्नागिरी, कोल्हापुर, सतारा सहित कई जिलों में बाढ़ की स्थिति गंभीर बनी हुई है और भूस्खलन सहित बारिश से संबंधित विभिन्न घटनाओं में मरने वालों की संख्या 149 हो गई है, जबकि 64 से अधिक लोग लापता हैं. इसके अलावा कई लोगों के घायल होने की खबर है. भारतीय सेना, नौसेना, वायु सेना, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और तटरक्षक बल की टीमें अभी भी विभिन्न क्षेत्रों में तैनात हैं और राहत और बचाव का कार्य कर रही है. बचाव दल पीड़ितों को भोजन, दवा और अन्य सहायता सामग्री उपलब्ध करा रहे हैं.

इस बीच उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली राज्य सरकार ने राहत कार्यों के लिए रायगढ़ और रत्नागिरी के लिए दो-दो करोड़ रुपये और अन्य प्रभावित क्षेत्रों के लिए 50 लाख रुपये मंजूर किए हैं.

केंद्र सरकार ने भी पप्रभावितों को आर्थिक मदद देने का ऐलान किया है. जहां जल स्तर कम होना शुरू हो गया है और सफाई अभियान शुरू कर दिया गया है.

राहत और बचाव कार्य जारी

बता दें कि इस हफ्ते की शुरुआत में हुई भारी बारिश के कारण महाराष्ट्र के कई इलाकों में भूस्खलन हुआ है, जिसमें रायगढ़ जिले के तालिये गांव में हुआ सबसे घातक भूस्खलन भी शामिल है.

सरकारी आंकड़ों के अनुसार कोंकण क्षेत्र और पश्चिमी महाराष्ट्र के प्रभावित जिलों से कुल 2,29,074 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है. राज्य सचिवालय नियंत्रण कक्ष के एक बयान में कहा गया है कि पश्चिमी महाराष्ट्र के सतारा जिले से 28 और तटीय क्षेत्र के रायगढ़ जिले से 8 और लोगों की मौत की खबर है.

सरकार ने कहा कि अब तक रायगढ़ में 60, रत्नागिरी में 21, सतारा में 41, ठाणे में 12, कोल्हापुर में सात, उपनगरीय मुंबई में चार और सिंधुदुर्ग और पुणे में दो-दो लोगों की मौत हुई है. कोल्हापुर, सांगली, सतारा और पुणे के कुल 875 गांव मूसलाधार बारिश से प्रभावित हुए हैं.

बयान में कहा गया है, ”रत्नागिरी जिले के बाढ़ प्रभावित चिपलून शहर में पांच राहत शिविर बनाए गए हैं. एनडीआरएफ की 25 टीमें, एसडीआरएफ की चार टीमें, तटरक्षक बल की दो टीमें, नौसेना की पांच टीमें और सेना की तीन टीमें राहत और बचाव अभियान चला रही हैं.” चिपलून को मुंबई से जोड़ने वाली वशिष्ठी नदी पर बना पुल ढह जाने से सड़क यातायात के लिए बंद है.

इससे पहले मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने भीषण बाढ़ के स्थल चिपलून का दौरा किया और निवासियों, व्यापारियों और दुकानदारों से बातचीत की. उन्होंने क्षेत्र में सामान्य स्थिति बहाल करने के लिए राज्य सरकार की ओर से हरसंभव मदद का वादा किया. ठाकरे ने कहा कि उन्हें ”दीर्घकालिक राहत के लिए केंद्रीय सहायता” की आवश्यकता होगी. साथ ही उन्होंने कहा कि वह सोमवार को पश्चिमी महाराष्ट्र का दौरा करेंगे और नुकसान की सीमा का व्यापक डेटा तैयार किया जाएगा.

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