ठाकरे सरकार के मंत्री अनिल परब बोले- ‘बेटे की कसम… मैंने कुछ गलत नहीं किया’

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महाराष्ट्र सरकार में परिवहन मंत्री अनिल परब आज प्रवर्तन निदेशालय के दफ्तर जाकर उनके सवालों का जवाब देंगे। फ़िलहाल अनिल परब ईडी के दफ्तर पहुंच चुके हैं। घर से निकलते समय परब ने मीडिया कर्मियों से कहा, ‘ मैं अपने बेटे की कसम खाकर कहता हूँ कि मैंने कुछ भी गलत नहीं किया है’। अनिल पर मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप है।

सचिन वझे ने भी परब पर यह आरोप लगाया था कि परब ने उसे बीएमसी ठेकेदारों को धमकाकर पैसे वसूल कर देने को कहा था। वहीं किरीट सोमैया ने भी परब पर अवैध कब्ज़ा करने और सीआरजेड का उल्लंघन कर समुद्र किनारे अवैध निर्माण का आरोप लगाया था।

अनिल परब पर आरोप

महाराष्ट्र बीजेपी के वरिष्ठ नेता और पूर्व सांसद किरीट सोमैया ने महाविकास अघाड़ी सरकार के कैबिनेट मंत्री और उद्धव ठाकरे के बेहद करीबी अनिल परब पर फिर से निशाना साधा। सोमैया ने परब पर धोखाधड़ी और रत्नागिरी के दापोली इलाके में 10 करोड़ रुपये मूल्य के अवैध साईं रिसॉर्ट को बनाने का आरोप लगाया है।

सोमैया परब पर आरोप लगाते हुए कहा है कि उन्होंने कृषि योग्य भूमि पर पिछले साल कोरोना काल में निर्माण कार्य करवाया है। इसके लिए किसी भी प्रकार की अनुमति भी नहीं ली गई थी। परब ने सीआरजेड( कोस्टल रेगुलेशन जोन) का उल्लघंन किया है। लिहाजा अनिल परब के खिलाफ कार्रवाई की मांग सोमैया ने की है। हालांकि परब ने 11 मई 2021 को जाली दस्तावेजों के जरिये इस रिसॉर्ट को नियमित कराने का प्रयास किया था।

2019 में खरीदी थी जगह

परिवहन मंत्री अनिल परब ने 19 जून 2019 में 42 गुंटा कृषि योग्य भूमि विभाष साठे से खरीदी थी। जमीन खरीदने के 7 दिन बाद यानी 26 जून 2019 को उन्होंने स्थानीय निर्मल ग्राम पंचायत को पत्र लिखकर बताया कि उन्होंने साठे से जमीन खरीद ली है जिसपर पहले से ही रिसोर्ट बना हुआ है। उन्होंने पत्र में कहा कि यह रिसॉर्ट नियमों के तहत बना है। इसलिए इसपर मेरे नाम का प्रॉपर्टी टैक्स जारी किया जाए।

मार्च में शुरू हुआ निर्माण कार्य

दरअसल अनिल परब ने 23 मार्च 2020 यानी लॉकडाउन की घोषणा के बाद तीन मंजिला और 22 डीलक्स कमरों वाले इस आलीशान रिसॉर्ट का कंस्ट्रक्शन शुरू करवाया था। एक साल में निर्माणकार्य पूरा होने के बाद परब ने इस जमीन को बतौर एग्रीकल्चर लैंड अपने पार्टनर सदानंद कदम के नाम ट्रांसफर कर दिया। परब द्वारा बनाये गए दोनों अग्रीमेंट में यह स्पष्ट रूप से लिखा है कि यह एक एग्रीकल्चर लैंड है और इसपर कोई निर्माण नहीं है।

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