नासिक में कोरोना गाइड लाइन का उल्लंघन करते हुए जन आशीर्वाद यात्रा निकालने वाले केंद्रीय मंत्री नारायण राणे पहले से ही महाराष्ट्र सरकार के निगाहों में चढ़े हुए थे, अब महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्वव ठाकरे के खिलाफ अपमानजनक बयान देने पर और संकट में फंस गए हैं।
विवादास्पद बयान के बाद राणे पर पुणे के चतुर्श्रिंगी पुलिस स्टेशन में FIR दर्ज कराई गई है।
पहले जानें मुख्यमंत्री के बारे में क्या कहा था
सोमवार को रायगढ़ में जन आशीर्वाद यात्रा के दौरान नारायण राणे ने रैली को संबोधित करते हुए कहा था- यह शर्म की बात है कि मुख्यमंत्री को यह नहीं पता कि यह स्वतंत्रता दिवस की कौन सी वर्षगांठ है। उन्होंने 15 अगस्त को स्पीच के दौरान पीछे खड़े लोगों से पूछा कि आजादी को कितने साल हो गए। अगर मैं वहां होता तो उनको जोरदार थप्पड़ मार देता। इस बयान के बाद उनकी गिरफ्तारी के आसार बन गए हैं।
महाराष्ट्र सरकार पहले से ही नाराज
महाराष्ट्र सरकार नासिक कोरोना गाइड लाइन का उल्लंघन करते हुए जन आशीर्वाद यात्रा निकालने पर पहले से ही नाराज है। उनके खिलाफ नासिक में FIR दर्ज की गई है।केन्द्रीय मंत्री नारायण राणे की यात्रा पर अभी तक 42 केस आईपीसी और महामारी रोग अधिनियम की कई धाराओं के तहत दर्ज किया गया है। ये एफआईआर अलग-अलग थानों में दर्ज की गई हैं। बता दें कि केन्द्रीय मंत्री नारायण राणे मुंबई में जन आशीर्वाद यात्रा निकालकर केन्द्र सरकार की नीतियों और योजनाओं की जानकारी जनता को दे रहे थे।
मेयर ने यात्रा को बताया छल
वहीं, मुंबई की मेयर किशोरी पेडनेकर ने भाजपा की जन आशीर्वाद यात्रा को छल बताया है। उन्होंने कहा कि भाजपा की जन आशीर्वाद यात्रा और कुछ नहीं बल्कि छल की यात्रा है। लोग देख रहे हैं कि वे क्या कर रहे हैं और सही समय में जनता अपना ‘आशीर्वाद’ देगी। अगर बीजेपी वाले वास्तव में काम करना चाहते हैं, तो उन्हें लोगों के लिए COVID-19 की वैक्सीन उपलब्ध कराने चाहिए।
शिवाजी पार्क भी गए थे राणे
जन आशीर्वाद यात्रा के दौरान केन्द्रीय मंत्री नारायण राणे, शिवसेना के संस्थापक बाला साहेब ठाकरे की समाधि पर गए थे और पुष्प अर्पित किए थे जिसके बाद शिवसैनिकों ने उस स्थान का दूध और गोमूत्र से शुद्धिकरण किया था।