इस साल भी कोरोना संक्रमण के मद्देनजर समेत पूरे महाराष्ट्र में दही-हंडी का पारंपरिक त्यौहार नहीं मनाया जाएगा। सोमवार को मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की अध्यक्षता में महाराष्ट्र में प्रमुख गोविंदा समूहों के प्रतिनिधियों के साथ एक ऑनलाइन बैठक हुई।
इस बैठक में मुख्यमंत्री ने लोगों के स्वास्थ्य को प्राथमिकता देते हुए कुछ समय के लिए फेस्टिवल को अलग रखने की अपील की। गोविंदा मंडलों के प्रतिनिधिमंडल ने सीएम की अपील पर सकारात्मक प्रतिक्रिया दी है और इस साल त्यौहार नहीं मनाने का फैसला किया है।
दही-हंडी के बजाय इस बार सामाजिक और स्वास्थ्य संबंधी गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए काम किया जाएगा। इससे पहले कुछ मंडलों ने राज्य सरकार से अनुरोध किया था कि उन्हें जन्माष्टमी के दौरान छोटे पैमाने पर दही हंडी कार्यक्रम आयोजित करने की अनुमति दी जाए। समन्वय समिति का कहना था कि प्रशासन की मौजूदगी में उन्हें मटका तोड़ने की अनुमति दी जाए। इसके अलावा कोरोना वैक्सीन की दोनों खुराक लेने वालों को मटका फोड़ने के दल में शामिल करने की बात कही गई थी। इसके बावजूद सीएम ठाकरे ने इसके लिए अनुमति नहीं दी है। बैठक में गोविंदा समूहों के प्रतिनिधियों के साथ उपमुख्यमंत्री अजीत पवार, राजस्व मंत्री बालासाहेब थोरात और गृह मंत्री दिलीप वलसे पाटिल मौजूद थे। दही हंडी का त्यौहार 31 अगस्त को है।
बढ़ सकता है कोरोना का संक्रमण
मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा कि कोरोना संक्रमण के खतरे को देखते हुए राज्य के लोगों के स्वास्थ्य को प्राथमिकता देनी चाहिए और उनकी जान बचाई जानी चाहिए। सरकार का मानना है कि दही हंडी का त्यौहार बिना कंधे से कंधा मिलाकर नहीं मनाई जा सकती। ऐसे में कोरोना का संक्रमण बढ़ सकता है। राज्य के टास्क फ़ोर्स के अलावा केंद्र की नीति आयोग ने भी कोरोना की तीसरी लहर को लेकर सरकार को आगाह किया है। इस वजह से महाराष्ट्र सरकार किसी भी तरह का रिस्क नहीं लेना चाहती है।
अनुमति नहीं मिली तो आंदोलन
सीएम ठाकरे की इस साल दही-हंडी का त्यौहार नहीं मनाने की अपील का जहां कई गोविंदा मंडल ने समर्थन किया है। वहीं कुछ मंडल इस फैसले के विरोध में उतर आए हैं। कुछ मंडल पदाधिकारियों ने कहा है कि अगर सरकार ने उन्हें उत्सव मनाने की अनुमति नहीं दी तो हम आंदोलन करेंगे। जय जवान पथक और मझगांव ताड़वाड़ी मंडल ने मांग की है कि जिन लोगों ने कोरोना वैक्सीन की दोनों खुराक ली है, उन्हें कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करते हुए दही हंडी उत्सव मनाने की अनुमति दी जाए। इनका कहना है कि त्यौहार को लेकर लेकर हम सभी की भावनाएं जुड़ी रहती हैं। ऐसे में हमें अपने त्यौहार मनाने की अनुमति दी जानी चाहिए।
जैसे कुछ गणेशोत्सव मंडलों को कोरोना नियमों का पालन करते हुए त्यौहार मनाने की अनुमति दी गई है। उसी तरह कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करते हुए राज्य सरकार को दही हंडी का त्यौहार पारंपरिक तरीके से मनाने की अनुमति देनी चाहिए, ताकि इस परंपरा को जारी रखा जा सके। जिन लोगों ने कोरोना वैक्सीन की दोनों डोज ली है, उन्हें मटका फोड़ने की अनुमति मिलनी चाहिए। त्यौहार को पूरी तरह से प्रतिबंधित नहीं किया जाना चाहिए।