मुंबई में पानी की किल्लत दूर करने के लिए बीएमसी समुद्र की ओर देख रही है। प्रस्तावित मनोरी प्रॉजेक्ट को समय पर पूरा करने के लिए बीएमसी ग्लोबल टेंडर निकालेगी। समुद्र के पानी को मीठा करने वाले इस प्रॉजेक्ट का सर्वे जारी है। मार्च तक इसके डीपीआर का काम पूरा हो जाएगा। उसके बाद मई 2022 में इस प्रॉजेक्ट का ग्लोबल टेंडर निकाला जाएगा। बीएमसी की कोशिश है कि 2025 से मुंबईकरों को समुद्र के खारे पानी से मीठा पानी पीने को मिलने लगे। बीएमसी वॉटर डिपार्टमेंट के चीफ इंजीनियर ( प्रॉजेक्ट) श्रीश उचगांवकर ने बताया कि मनोरी में समुद्र के पानी को मीठा करना हमारा महत्वपूर्ण प्रॉजेक्ट है। इसके लिए सर्वे जारी है।
मार्च 2022 तक टीडीआर तैयार हो जाएगा। उसका अध्ययन कर टेंडर तैयार किया जाएगा। हमें उम्मीद है कि मई 2022 तक हम इस प्रॉजेक्ट के लिए ग्लोबल टेंडर निकालेंगे। हमारी कोशिश है कि प्रॉजेक्ट का काम समय पर शुरू हो और समय पर पूरा हो। उचगांवकर ने बताया कि ग्लोबल टेंडर निकालने से बीएमसी के पास चुनने के कई विकल्प मौजूद होंगे। इससे क्वालिटी पर फोकस करने का मौका मिलेगा। बता दें कि मुंबई में समुद्र के खारे पानी को मीठा कर पीने योग्य बनाने की यह मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की महत्वाकांक्षी योजना है। जिसे बीएमसी कमिश्नर आईएस चहल मूर्तरूप देने के लिए तत्पर हैं।
इजराइल के साथ किया था समझौता
मनोरी प्रॉजेक्ट के लिए बीएमसी, एमटीडीसी से 12 हेक्टेयर जमीन लेगी। इस प्रॉजेक्ट के तैयार होने पर पहले चरण में प्रतिदिन मुंबई को 200 एमएलडी पानी मिलेगा। प्रॉजेक्ट के दूसरे चरण में मुंबई को 400 एमएलडी पानी की प्रतिदिन आपूर्ति होगी। पिछले दिनों मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने समुद्र के पानी को मीठा करने के लिए इजराइल के साथ समझौता किया था। उससे इस प्रॉजेक्ट को काफी फायदा मिलेगा।
3520 करोड़ रुपये का प्रॉजेक्ट
इस प्रॉजेक्ट पर 3520 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है। इस प्रॉजेक्ट की वजह से पर्यावरण को भी कोई नुकसान नहीं होगा। मुंबई में प्रतिदिन 3850 एमएलडी पानी की आपूर्ति होती है, जबकि इससे कहीं ज्यादा पानी की आवश्यकता है। इस प्रॉजेक्ट की रुपरेखा तैयार करने में लगभग 6 महीने का समय लगेगा। जबकि इसे पूरा करने के लिए 30 महीने का लक्ष्य रखा गया है। शुरू में प्रॉजेक्ट के लिए 6 हेक्टर जमीन की जरूरत है। इसके लिए मालाड के मनोरी में जगह तलाशी गई है।