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कोविड वैक्सीन कोवोवैक्स का ट्रायल, मुंबई के नायर अस्पताल को है 894 बच्चों की तलाश

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जायडस कैडिला के कोविड वैक्सीन के बाद अब मुंबई के नायर अस्पताल में कोवोवैक्स कोरोना रोधी वैक्सीन का ट्रायल शुरू हो गया है। 2 से 17 वर्ष आयु के 900 बच्चों पर इस वैक्सीन का ट्रायल होना है, जिसमें से अभी तक 6 बच्चे इस ट्रायल के लिए आगे आए हैं। अस्पताल को अभी भी 894 बच्चों की तलाश है। आगामी 6 महीनों में बच्चों पर वैक्सीन का परीक्षण किया जाना है।

बता दें कि जायडस कंपनी के जायकोवि-ड वैक्सीन के ट्रायल के लिए बीएमसी के नायर अस्पताल का चयन किया गया था। यहां 12 से 18 वर्ष के 50 बच्चों पर वैक्सीन का ट्रायल होना था, लेकिन बीएमसी को उतने बच्चे नहीं मिल पाए थे। कुछ ही बच्चों पर इस वैक्सीन का परीक्षण किया गया। यही हाल अब ‘कोवोवैक्स’ का भी है। बीएमसी के प्रमुख अस्पतालों के संचालक डॉ. रमेश भारमल ने बताया कि फिलहाल 6 बच्चों पर ट्रायल शुरू किया गया है। उन्होंने बताया कि इस वैक्सीन के ट्रायल के लिए बच्चों को तीन श्रेणी में विभाजित किया गया है। पहली श्रेणी में 2 से 7, दूसरी श्रेणी में 8 से 11 और तीसरी श्रेणी में 12 से 17 वर्ष के आयु के बच्चों को रखा गया है। हर श्रेणी के 300 बच्चों पर वैक्सीन का ट्रायल होगा।

डॉ. भारमल ने बताया कि 6 बच्चों को पहली खुराक 0.5 एमएल दी गई है। अब दूसरा डोज इन बच्चों को 21 दिन पर दिया जाएगा। ट्रायल में शामिल बच्चों के स्वास्थ्य पर छह महीने तक निगरानी रखी जाएगी। इसके साथ ही 22, 36 और 180 दिन पर इनकी ऐंटिबॉडीज जांच की जाएगी। डॉ. भारमल ने बताया कि विश्व में अभी तक 30 हजार बच्चों पर इस वैक्सीन का ट्रायल हो चुका है। ऑस्ट्रेलिया, यूके, दक्षिण आफ्रिका, अमेरिका में इस वैक्सीन का ट्रायल हुआ है। अब तक इसके साइड इफेक्ट्स की बात सामने नहीं आने की बात विभिन्न देशों की ओर से कही गई है। इसीलिए नायर अस्पताल में इसका परीक्षण शुरू हो गया है।

फिट बच्चों पर ही होगा ट्रायल

डॉ. भारमल ने बताया कि ट्रायल से पहले सभी बच्चों का स्वास्थ्य परीक्षण किया जाएगा। ट्रायल में उन बच्चों को शामिल किया जाएगा, जिनका स्वास्थ्य फिट है और नई ऐंटिबॉडीज नहीं बनी है। स्वास्थ्य जांच के मानक में अगर बच्चा पात्र साबित होता है, तो ही उसे ट्रायल में शामिल किया जाएगा। जांच के लिए इच्छुक अभिभावक 022- 23027205, 23027204 पर संपर्क कर सकते हैं। उन्होंने अभिभावकों से अपील की है कि वे इस ट्रायल में सहयोग करें।

ट्रयल के लिए देना होगा सहमति-पत्र

ट्रायल में शामिल होने वाले बच्चों के अभिभावकों से सहमति-पत्र लिया जाएगा। ऑडियो-विडियो और लिखित स्वरूप में अभिभावकों को सहमति-पत्र देना होगा। 7 से 11 वर्ष आयु के बच्चों के अभिभावकों को मौखिक और 12 से 17 वर्ष आयु के बच्चों के पालकों को लिखित रूप में सहमति देनी होगी।

बीएमसी के प्रमुख अस्पताल के संचालक डॉ. रमेश भारमल का कहना है, ‘बच्चों के टीकाकरण को लेकर तैयारियां चल रही हैं। वैक्सीन के ट्रायल के लिए बच्चों को तीन श्रेणी में बांटा गया है। पहली श्रेणी में 2 से 7 वर्ष, दूसरी श्रेणी में 8 से 11 और तीसरी श्रेणी में 12 से 17 वर्ष के आयु वर्ग वाले बच्चों को रखा गया है। हर श्रेणी के 300 बच्चों पर वैक्सीन का ट्रायल होगा।’

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