मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंग एक बार फिर मुश्किल में हैं। जेल में बंद सचिन वाजे और उनके खिलाफ गोरेगांव पुलिस थाने में वसूली की शिकायत दर्ज कराई गई है।
यह मामला एक व्यापारी बिमल अग्रवाल ने दर्ज कराया है। अग्रवाल ने पुलिस को दिए अपने बयान में चौंकाने वाले खुलासे किए हैं। शिकायतकर्ता के मुताबिक सचिन वाजे ने कहा था कि उसका नंबर वन बॉस परमबीर सिंग है।
शिकायतकर्ता के जवाब में बीजेपी नेता विधायक प्रसाद लाड का भी जिक्र है। शिकायतकर्ता ने पुलिस को बताया, “सचिन वाजे ने पुलिस सेवा में शामिल होने से पहले व्यापारियों और सट्टेबाजों के साथ बैठक की थी। पुलिस बल में नियुक्त होने से पहले ही वाजे व्यापारियों, बार मालिकों और सटोरियों से वसूली के लिए बातचीत शुरू कर दी थी।”
शिकायतकर्ता ने कहा, “परमबीर सिंग रोजाना 2 करोड़ रुपए का कलेक्शन चाहते थे। कोरोना की वजह से वसूली में रुकावट आने से वाजे को यह टारगेट दिया था। रिकवरी का 75 फीसदी नंबर 1 और 25 फीसदी को बांटने की योजना थी।” ऐसा शिकायतकर्ता का दावा है। शिकायतकर्ता ने पुलिस को बताया कि कोरोना काल में हुए नुकसान की भरपाई के लिए मनपा के ठेकेदारों पर भी निशाना साधा था।
शिकायतकर्ता ने अपने बयान में कहा कि परमबीर सिंह के आयुक्त बनने के बाद, वाजे ने होटल-बार संचालकों के साथ-साथ सट्टेबाजों को भी खुला व्यापार करने का आश्वासन दिया था। शिकायतकर्ता को डर है कि परमबीर सिंग, सचिन वाजे उनके साथ ही सहयोगी शिकायतकर्ता का भी मनसुख हिरेन जैसी हालत कर देंगे। इसलिए उन्होंने अपने परिवार के लिए सुरक्षा की गुहार लगाई है।
बिमल अग्रवाल ने अपनी शिकायत में कहा कि आरोपी ने जनवरी-फरवरी 2020 और मार्च 2021 के बीच उससे 9 लाख रुपये वसूले थे।
अग्रवाल ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया कि सचिन वाजे और अन्य आरोपियों ने गोरेगांव में एक बीओएचओ रेस्टोरेंट और बार और अंधेरी ओशिवारा में एक बीसीबी रेस्टोरेंट और बार चलाने के लिए सचिन वाजे और अन्य आरोपी ने 9 लाख रुपये मांगे, सैमसंग का फोल्ड-2 मोबाइल हफ्ते के रूप में लिया। पुलिस ने इस मामले में आईपीसी की धारा 384, 385 और 34 के तहत मामला दर्ज किया है।