मुंबई – पूरे साल घर से दूर रहने के बाद त्योहार के समय घर जाने की इच्छा दूर-दराज रह रहे लोगों में होती है। होली का त्योहार नजदीक आ गया है, लेकिन गांव जाने के लिए ट्रेनों में टिकट की कमी ने लोगों का मन उदास कर दिया है। पूर्वांचल की तरफ जानेवाली सभी ट्रेनें पूरी तरह से फुल हैं और वेटिंग टिकट मिलने के आसार भी लगभग न के बराबर ही हैं। टिकट काउंटर पर वेटिंग टिकट भी उपलब्ध नहीं हैं। दिल्ली से कानपुर, गोरखपुर, लखनऊ, पटना, मुजफ्फरपुर, पश्चिम बंगाल समेत सभी लंबी दूरी की ट्रेनों में २४ मार्च तक कन्फर्म टिकट नहीं मिल रहा। लोगों की मजबूरी ऐसी है कि वे या तो बस का सहारा लें रहे हैं या ऊंचे दाम में विमान से यात्रा कर रहे हैं।
त्योहार के समय रेलवे में टिकट की मारामारी पहली बार नहीं है। हर साल त्योहार के सीजन में लोगों को ऐसे हालातों से गुजरना पड़ता है। मध्य और पश्चिम रेलवे द्वारा यात्रियों की सुविधा के लिए स्पेशल आरक्षित और अनारक्षित ट्रनों का संचालन किया जा रहा है। मगर वो ट्रेनें भी यात्रियों की मांग को पूरा नहीं कर पा रही हैं। ऐसे में यात्रियों में त्योहार के समय घर न पहुंच पाने की निराशा देखी जा रही है।
घंटों टिकट काउंटर की लाइन में लोगों का पसीना तो बह ही रहा है साथ ही समय भी बर्बाद हो रहा है। यूपी, बिहार की तरफ जाने वाले लोग सुबह से ही सभी छोटे-बड़े स्टेशनों पर लाइन में लग जाते हैं, लेकिन काउंटर तक पहुंचते ही न तो उन्हें टिकट मिल पाता है और न ही वेटिंग, इसे लेकर यात्री भी असमंजस की स्थिति में हैं। विमान किराए का ये हाल है कि २२ मार्च का मुंबई से वाराणसी का किराया १० से ४० हजार रुपए है। ऐसे में आम यात्रियों का त्योहार में घर पहुंच पाना एक सपने की तरह है।