एक गुमनाम पत्र से खुला राज
विशेष प्रतिनिधी । दैनिक दक्षिण मुंबई
मुंबई – महाराष्ट्र के विवादित राज्यपाल रहे भगतसिंह कोश्यारी के एक से एक कारनामों की पोल खुलती जा रही हैं। आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली को प्राप्त एक गुमनाम पत्र में दावा किया गया है कि अनंत अंबानी से 15 करोड़ का चंदा राज्यपाल रहे कोश्यारी की शिक्षा संस्था ने लिया है। अनिल गलगली ने इस चिठ्ठी को राज्यपाल एवं मुख्यमंत्री से साझा कर जांच करने की मांग की है।
आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली को मिले एक गुमनाम पत्र में दावा किया गया है कि भगत सिंह कोश्यारी जैसे व्यक्ति ने अपने पद का इस्तेमाल कर उत्तराखंड में एक स्कूल के नाम पर धन इकट्ठा किया है। जिस स्कूल में 100 बच्चे भी नहीं हैं, उसके लिए करोड़ों का चंदा इकट्ठा किया गया है। उस पैसे से उन्होंने अपने भतीजे दीपेंद्र सिंह कोश्यारी के लिए स्कूल के आसपास बहुत सारी जमीन खरीदी और वहां एक रिसॉर्ट खोला। इस स्कूल के लिए अनंत अंबानी से 15 करोड़ रुपये लिए गए हैं। शेर सिंह कार्की सरस्वती विहार, दिगरा मुवानी, चामू, कनालीछीना, पिथौरागढ उत्तराखंड देवस्थली के नाम पर काफी धन इकट्ठा किया है। कोई आसानी से तुलना कर सकता है कि 2019 से पहले कोश्यारी की संगठनों को कितना दान मिला और 2009 और 2023 के बीच कितना दान मिला। देवभूमि शिक्षा प्रसार समिति, नैनीताल बैंक की हल्द्वानी शाखा, खाता संख्या-0561000000000310 के अलावा एसबीआई के अन्य खाते में भी कई लेनदेन हुए हैं।
अनिल गलगली ने इसके पहले आरटीआई से राज्यपाल भगतसिंह कोश्यारी के कार्यकाल में उनके का संस्था ने जमा किए गए चंदे की जानकारी मांगी थी। अब गलगली ने राज्यपाल एवं मुख्यमंत्री से मांग की है कि इस मामले की जांच होती तो सच सामने आएगा।