अनुच्छेद 370, हटने के बाद कश्मीर की आवाम; कश्मीर घाटी विकास

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नई दिल्ली – लोकसभा चुनाव के लिए जम्मू-कश्मीर अपनी पार्टी (जेकेएपी) भी ताल ठोक रही है। जम्मू-कश्मीर के पूर्व वित्त मंत्री अल्ताफ बुखारी की पार्टी जेकेएपी ने जफर इकबाल मन्हास को अनंतनाग-राजौरी लोकसभा सीट और अशरफ मीर को श्रीनगर लोकसभा सीट से उम्मीदवार बनाया है। जेकेएपी बारामूला लोकसभा सीट पर पीपल्स कॉन्फ्रेंस के उम्मीदवार को समर्थन दे रही है। घाटी में अनुच्छेद 370 और स्टेटहुड के विमर्श के इर्द-गिर्द चुनावी अखाड़े में पहली बार किस्मत आजमा रही अपनी पार्टी मानती है कि अब यहां के हालात बेहतर हैं। इसका श्रेय भी वे सुरक्षा बलों के साथ केन्द्र सरकार को देती है। कश्मीर घाटी की सियासी फिजा को लेकर जम्मू-कश्मीर अपनी पार्टी के अध्यक्ष अल्ताफ बुखारी ने इस दौरान उन्होंने कश्मीर की आवाम के फायदे में लिए गए गृह मंत्री अमित शाह के फैसले की तारीफ भी की।

राजनीति को एक तरफ रखते हुए मुझे लगता है कि इससे यहां की आवाम को खुश होना चाहिए। अगर वे खुश नहीं होते तो उस समय घाटी में हंमागा होता, शहर बंद होते, लोग सड़कों पर होते, पत्थरबाजी होती और कश्मीर नफरत की आग में जल रहा होता, मगर ऐसा कुछ नहीं होने का मतलब है कि जनता अनुच्छेद 370 के हटाने से खुश है। कश्मीर घाटी के लोग अमन-चैन चाहते थे, आज वो बहाल है। पिछले पांच साल में ऐसी कोई बड़ी घटना नहीं हुई, स्कूल अब लगातार खोले जाते हैं, बाजारों मे रौनक है। तो आवाम को यही चाहिए कि उनके बच्चे सुरक्षित रहें। अनुच्छेद 370 को लेकर महबूबा मुफ्ती हमेशा झूठ बोलती रही हैं और अब भी झूठ बोल रही हैं कि वो इसे वापस लाकर रहेंगी। जो अब संभव नहीं है। आवाम के हक में अब फैसले होने चाहिए जिसमें उनकी तरक्की हो, लेकिन मेहबूबा अपने राजनीतिक फायदे के लिए लोगों को बरगला रही हैं। अनुच्छेद 370 कुरान के खिलाफ है। कुरान बेटियों को भी संपत्ति में हक देता है लेकिन जिनकी शादियां बाहर होती है उन्हें इससे महरूम रखा जाता है। लेकिन मुफ्ती साहिबा कभी समझी ही नहीं। अब मुद्दा कश्मीर को राज्य का दर्जा दिलाने का है।

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