मुंबई – ब्रिटेन स्थित फार्मास्युटिकल कंपनी एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन पर उठे सवाल के बाद कंपनी ने एक नया कदम उठाया है. उसने कहा है कि महामारी के बाद से उपलब्ध अपडेटेड वैक्सीन की अधिकता को देखते हुए दुनियाभर से अपने कोविड-19 वैक्सीन को वापस लेने की पहल की है. कंपनी ने यह भी कहा कि वह यूरोप के भीतर वैक्सीन वैक्सजेवरिया के मार्केटिंग ऑथराइजेशन को वापस लेने के लिए आगे बढ़ेगी. अभी हाल ही में एस्ट्राजेनेका ने स्वीकार किया था कि उसकी कोविड वैक्सीन से रक्त के थक्के जमाने संबंधी साइड इफेक्ट हो सकते हैं. इस खबर के सामने आने का बाद हंगामा खड़ा हो गया था.
एस्ट्राजेनेका ने कहा, ‘चूंकि कई प्रकार की कोविड वैक्सीन विकसित की गई हैं इसलिए उपलब्ध अपडेटेड टीकों की संख्या अधिक है. इससे वैक्सजेवरिया वैक्सीन की मांग में गिरावट आई है. इसकी वजह से अब इसकी मैन्युफैक्चरिंग या सप्लाई नहीं की जा रही है. टेलीग्राफ के अनुसार, वैक्सीन वापस लेने के लिए कंपनी का आवेदन 5 मार्च को किया गया था और 7 मई को प्रभावी हुआ.
भारत में एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन का नाम कोविशील्ड
एस्ट्राजेनेका ने वैक्सीन बनाने के लिए ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय से हाथ मिलाया था. मौजूदा समय में कंपनी एक अदालत में एक केस का सामना कर रही है, जिसमें दावा किया गया है कि उसकी कोविड वैक्सीन से मौतें हुई हैं और इसे लगवाने वाले लोगों को गंभीर नुकसान हुआ है. यूके स्थित फार्मा कंपनी ने भारत सरकार को वैक्सीन देने के लिए वैश्विक स्तर पर सबसे बड़े वैक्सीन निर्माता सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) से हाथ मिलाया. सीरम इंस्टीट्यूट ने कोविशील्ड नाम से वैक्सीन का निर्माण किया.