मुश्किल बढ़ाएगी बसपा की सोशल इंजिनियरिंग

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लखनऊ: बसपा ने रविवार को लोकसभा चुनाव के लिए जारी दो अलग-लिस्ट में यूपी के 25 प्रत्याशियों का ऐलान कर दिया। प्रत्याशियों में सबसे ज्यादा 8 सवर्ण हैं जबकि 7 मुसलमान और 3 OBC प्रत्याशी हैं। सात सुरक्षित सीटों पर एससी प्रत्याशी उतारे हैं। प्रत्याशियों की लिस्ट में एक बार फिर जातीय सोशल इंजिनियरिंग की झलक नजर आ रही है। इससे साफ है कि बसपा I.N.D.I.A. और N.D.A. दोनों गठबंधनों के लिए मुश्किल खड़ी करेगी। सपा ने पश्चिमी यूपी की 25 सीटों पर प्रत्याशी उतारे हैं। इनमें कई सीटें मुस्लिम बहुल हैं। ऐसी ही सात सीटों पर बसपा ने मुसलमान प्रत्याशी उताकर दलित-मुस्लिम समीकरण बनाने की कोशिश की है।

नगीना में भी मुसलमान और दलितों की अच्छी-खासी संख्या है। यह सुरक्षित सीट है। दो अन्य रिजर्व सीटों पर दलितों के अलावा मुस्लिम और ओबीसी वोटर खासी तादाद में है। कैराना में एक तिहाई वोटर मुसलमान हैं। वहीं हिंदू वोटरों में सवर्ण, ओबीसी, दलितों की मिलीजुली आबादी है। ऐसे में बसपा ने यहां से सवर्ण प्रत्याशी उतारकर मुसलमान, सवर्ण और दलित समीकरण को साधा है। मेरठ में दलित और मुसलमानों के अलावा ओबीसी और सवर्णों की भी आबादी काफी है। बसपा ने यहां सवर्ण प्रत्याशी दिया है। कई सीटों पर इस तरह के प्रत्याशी उतारकर बसपा ने I.N.D.I.A. के साथ N.D.A. को भी चुनौती दी है। इसके अलावा कानपुर, फतेहपुर सीकरी, मथुरा और अकबरपुर सीटों पर भी सवर्ण प्रत्याशी उतारे गए हैं।

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