मुंबई – कैंसर न केवल लोगों की सेहत प्रभावित करता है, बल्कि जिंदगी भी छीन लेता है। टाटा मेमोरियल अस्पताल द्वारा 100 मरीज़ों पर किए अध्ययन मुताबिक ओरल कैंसर से होने वाली अकाल मृत्यु के कारण लोगों ने 671 साल अपने ज़िंदगी के गंवा दिए हैं। वहीं, अकाल मृत्यु के चलते 560 करोड़ डॉलर का नुकसान प्रोडक्टिविटी के रूप में हुआ है। अध्ययन में शामिल मरीज़ों को ही उदाहरण रखें, तो यदि किसी की मौत 42 की उम्र में कैंसर से हुई और यदि वह रोगमुक्त होता, तो 62 साल जीता। ऐसे में, उसने जीवन के 20 साल गंवा दिए, साथ ही इन 20 सालों में वह जो कमाता, उसकी भी क्षति हुई। यानी अनमोल ज़िंदगी के साथ-साथ कैंसर इकॉनमी के लिए भी घातक हो रहा है। टाटा हॉस्पिटल के डॉक्टरों ने देश में पहली बार मुंह के कैंसर से होने वाली असामयिक मृत्यु और विकलांगता के कारण व्यक्ति और देश को होने वाले आर्थिक नुकसान पर रिसर्च कर चौका देने वाले तथ्य देश के सामने रखे हैं।