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ग्वालियरः कारोबारी दंपत्ति 16 घंटे रहे डिजिटल अरेस्ट, इंदौर एसीपी की सूचना पर पुलिस ने कराया मुक्त

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ग्वालियर, 6 दिसंबर । मध्य प्रदेश के ग्वालियर शहर में एक कारोबारी दंपत्ति को 16 घंटे तक डिजिटल अरेस्ट कर कैद रखने का मामला सामने आया है। ठगों ने सीबीआई अधिकारी बनकर कॉल किया। बताया कि आपकी पत्नी के मोबाइल नंबर का मनी लॉन्ड्रिंग और साइबर फ्रॉड में यूज हुआ है। इसके बाद वॉट्सऐप पर गिरफ्तारी वारंट और नोटिस भी भेजा गया। कारोबारी दंपत्ति इतना डर गए थे कि उन्होंने अपने नाबालिग बेटे को रिश्तेदार के घर रहने भेज दिया, कहा कि हम अर्जेंट काम से भोपाल जा रहे हैं।

कारोबारी दंपत्ति को गुरुवार सुबह से रात भर इतना टॉर्चर किया गया कि वह शुक्रवार सुबह उनको कैश देने के लिए तैयार हो गए थे। इस बीच उनके रिश्तेदार लगातार कॉल कर रहे थे, लेकिन कॉल रिसीव नहीं हो रहा था। इंदौर एसीपी (असिस्टेंट कमिश्नर ऑफ पुलिस) मंजीत सिंह ने ग्वालियर कन्ट्रोल रूम कॉल कर कारोबारी के घर देखने के लिए कहा। जब नाइट गश्त पर निकली डीएसपी किरण अहिरवार वहां पहुंची तो रात 1.30 बजे कारोबारी दंपती को मुक्त कराया गया। इस दौरान कारोबारी की रात तीन घंटे ग्वालियर पुलिस ने काउंसलिंग की तब वह सामान्य हुए हैं।

झांसी रोड स्थित हरिशंकरपुरम निवासी जसपाल आहूजा (51) कारोबारी हैं। उनका ऑटो पार्टस का कारोबार है। वे पत्नी व एक बेटे के साथ रहते हैं। बड़ा बेटा विदेश में है। गुरुवार सुबह 7.30 बजे कारोबारी की पत्नी के मोबाइल पर एक कॉल आया। कॉल करने वाले ने खुद को सीबीआई ऑफिसर बताया। साथ ही कहा कि उनके मोबाइल नंबर साइबर फ्रॉड सहित अन्य गलत काम में इस्तेमाल किया जा रहा है। उनके वाट्सएप पर सीबीआई का एक नोटिस भेजा गया। कुछ देर बाद ट्राई (टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया) के नाम से नोटिस भेजा गया। बताया है कि उनके मोबाइल नंबर का उपयोग साइबर फ्रॉड के साथ ही अन्य अनैतिक गतिविधियों में उपयोग हुआ है।

कारोबारी दंपत्ति को जालसाजों ने कहा कि आप गलत नहीं हो तो आपको कुछ नहीं होगा, लेकिन अभी तो आपको पूरे परिवार को गिरफ्तार कर जेल में डालने के ऑर्डर हैं। ठगों ने कारोबारी से उसके परिवार की जानकारी ली तब उन्होंने बताया कि उनके दो बेटे हैं एक विदेश में दूसरा कोचिंग करने गया है। अभी साथ में पत्नी अमरजीत कौर है। इसके बाद ठगों ने कारोबारी व उनकी पत्नी को एक कमरे में बैठने के लिए कहा और बताया कि अब उन्हें न तो किसी का कॉल रिसीव करना है और न ही किसी को घर में आने देना है, क्योंकि वह सीबीआई की कस्टडी में है। जिससे वह बात करेंगे या घर में आने देंगे तो उसे भी आरोपी बनाने देंगे। साथ उन्हें स्थानीय थाने में बंद करा दिया जाएगा। इससे दहशत में आए दंपती ने नाबालिग बेटे को कॉल कर रिश्तेदारों के घर जाने को बोला और उसे बताया कि वह एक निजी कार्य से भोपाल जा रहे हैं।

इसके बाद ठगों ने दंपती को उनके बेडरूम में बैठाकर उन्हें बताया कि वह डिजिटल अरेस्ट है और यह कमरा ही उनकी हवालात है। साथ ही धमकी दी कि अगर वाट्सऐप कॉल बंद हुआ तो उनके खिलाफ कार्रवाई शुरू हो जाएगी। ठगों ने उन्हें इतना भयभीत कर दिया कि वह सुबह बैंक से उनके बताए खाते में रुपये जमा कराने को तैयार हो गए। ठगों को भी शुक्रवार सुबह का इंतजार था। लगातार कॉल करने के बाद भी कारोबारी दंपत्ति के द्वारा कॉल रिसीव नहीं करने से उनके रिश्तेदार परेशान हो गए। इस पर उनके रिश्तेदार इंदौर एसीपी मनजीत सिंह को इसकी सूचना दी। मामले की गंभीरता देखते हुए उन्होंने तत्काल ग्वालियर पुलिस कंट्रोल रूम को सूचना दी।

बताया कि उनके रिश्तेदार जसपाल सिंह आहूजा किसी का कॉल रिसीव नहीं कर रहे हैं। मुझे आशंका है कि कुछ गड़बड़ है। पुलिस कंट्रोल रूम ने इसकी सूचना नाइट गश्त पर निकली DSP किरण अहिरवार को दी। डीएसपी अहिरवार, एसआई ओपी शर्मा, एएसआई विभूति नाथ मिश्रा को साथ लेकर हरिशंकर पुरम स्थित करोबारी दंपती के घर पहुंचे। यहां काफी देर बाद गेट खोले गए। पुलिस को देख दंपत्ति घबरा गया, लेकिन डीएसपी ने बताया कि वह उनकी मदद के लिए आए हैं। इसके बाद उनको डिजिटल अरेस्ट का पता लगा तो रात 1.30 बजे उनको मुक्त कराया है।

डीएसपी किरण अहिरवार ने बताया कि एक कारोबारी दंपत्ति को ठगों ने डिजिटल अरेस्ट किया था। इस पर इंदौर एसीपी मंजीत सिंह ने ग्वालियर पुलिस को सूचना दी। जिस पर पुलिस पहुंची थी। फिलहाल परिवार पूरी तरह सुरक्षित हैं।

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