नवी दिल्ली – रही है। एक दिन ऐसा आएगा, जब हिंदू अपने ही देश में अल्पसंख्यक हो जाएगा और मुस्लिम बहुसंख्यक।’ दरअसल, ये एक सोशल मीडिया पोस्ट है। ऐसी ही तमाम पोस्ट है, जिनमें लोकसभा चुनाव, 2024 के दौरान ये दावे किए जा रहे हैं कि मुस्लिमों की आबादी एक दिन हिंदुओं से आगे निकल जाएगी। इन पोस्ट में ये भी कहा जा रहा है कि मुस्लिम ऐसी कौम है, जो बच्चे पैदा करने में आगे है और ये परिवार नियोजन के भी खिलाफ है। दरअसल, हाल ही में प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद (EAC-PM) की एक नई रिपोर्ट के बाद ऐसी भ्रामक पोस्ट सोशल मीडिया पर सर्कुलेट हो रही हैं। अब जरा रिपोर्ट को समझते हैं और उस पर सत्ता पक्ष और विपक्ष के नेताओं के बयान भी जान लेते हैं।
इस रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि भारत में 1950 से 2015 के बीच हिंदुओं की आबादी 7.82 फीसदी घट गई। वहीं मुस्लिमों की आबादी में 43.15 फीसदी की बढ़ोतरी हुई। हिंदुओं की आबादी हिंदू बहुल नेपाल में भी घटी है। इस रिपोर्ट के आते ही देश में बहस और विवाद का सिलिसला शुरू हो गया है। परिषद ने ये आंकड़े 167 देशों में 1950 से 2015 के बीच आए जनसांख्यिकी बदलाव के अध्ययन के बाद जारी किए हैं। इन देशों में बहुसंख्यक उन्हें माना गया है, जिनकी आबादी 75 फीसदी से अधिक है। वहीं, अमेरिका की शोध संस्था प्यू रिसर्च के 2020 के अनुमान के मुताबिक भारत में मुसलमानों की दूसरी सबसे बड़ी आबादी है। पहले नंबर पर इंडोनेशिया और तीसरे पर पाकिस्तान है।