नवी दिल्ली – त्रिपुरा में HIV बिमारी ने छात्रों को जकड़ लिया है. राज्य में छात्रों में HIV के केस बढ़ते जा रहे हैं. एड्स नियंत्रण सोसाइटी (टीएसएसीएस) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि, त्रिपुरा में HIV से 47 छात्रों की मौत हो चुकी है. साथ ही HIV का संकट राज्य में बढ़ता जा रहा है जिसके चलते 828 छात्र HIV पॉजिटिव पाए गए हैं. अधिकारी ने बताया कि अब तक 828 छात्र एचआईवी पॉजिटिव पाए गए हैं. जिनमें से खतरनाक संक्रमण के चलते हमने 47 लोगों को खो दिया है. त्रिपुरा एड्स कंट्रोल सोसाइटी ने 220 स्कूलों और 24 कॉलेजों और यूनिवर्सिटी के ऐसे छात्रों की पहचान की है जो इंजेक्शन से ड्रग्स लेते हैं. टीएसएसीएस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, इतना ही नहीं, हाल ही में सामने आए आंकड़ों से पता चलता है कि लगभग हर दिन HIV के पांच से सात नए मामले सामने आ रहे हैं. टीएसएसीएस के ज्वाइंट डायरेक्टर ने राज्य में बढ़ रहे HIV के केस पर बात करते हुए बताया कि “अब तक, 220 स्कूलों और 24 कॉलेजों और यूनिवर्सिटी की पहचान की गई है जहां छात्र नशीली दवाएं, ड्रग्स के आदी पाए गए हैं. हमने राज्य भर में कुल 164 स्वास्थ्य सुविधाओं से डेटा एकत्र किया है.
राज्य में सक्रिय मामलों की कुल संख्या पर, टीएसएसीएस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, “मई 2024 तक, हमने एआरटी (एंटीरेट्रोवायरल थेरेपी) केंद्रों में 8,729 लोगों को रजिस्टर किया है. HIV से पीड़ित लोगों की कुल संख्या 5,674 है, इनमें से 4,570 पुरुष हैं, जबकि 1,103 महिलाएं हैं. वहीं जानकारी देते हुए ज्वाइंट डायरेक्टर ने बताया कि इन मरीजों में से केवल एक ही मरीज ट्रांसजेंडर है.”राज्य में एचआईवी मामलों में बढ़ोतरी के लिए ज्वाइंट डायरेक्टर भट्टाचार्जी ने नशीली दवाओं (ड्रग्स) के दुरुपयोग को जिम्मेदार ठहराया है. उन्होंने कहा, “ज्यादातर मामलों में, बच्चे अच्छे परिवारों के होते हैं, जहां, माता-पिता दोनों सरकारी सेवा में होते हैं और वो बच्चों की हर जिद और हर मांग को पूरा करते हैं. लेकिन बाद में माता-पिता को एहसास होता है कि उनका बच्चा नशे की चपेट में आ गया है. तब तक बहुत देर हो चुकी थी और बच्चे संक्रमित हो चुके होते हैं.