उत्तरकाशी, 7 सितंबर । जिले के प्रभारी मंत्री प्रेम चन्द अग्रवाल ने शनिवार को वरूणावत पर्वत से सटे गुफियारा-जल संस्थान कॉलोनी के ऊपर भूस्खलन प्रभावित क्षेत्र का स्थलीय निरीक्षण किया। उन्होंने कहा कि सरकार विशेषज्ञों के परामर्श के अनुसार भूस्खलन के उपचार एवं आबादी वाले क्षेत्र की सुरक्षा के लिए हर संभव कदम उठाएगी।
प्रभारी मंत्री अग्रवाल भाजपा के नवनिर्मित कार्यालय का लोकार्पण करने के लिए जिले में पहुंचे थे। इस अवसर पर उन्हाेंने भूस्खलन प्रभावित क्षेत्र का दाैरा कर अधिकारियों से चर्चा की। उन्होंने कहा कि भूस्खलन का मलबा और पहाड़ी से गिरने वाले पत्थराें से आबादी वाले क्षेत्र काे बचाने के लिए विशेषज्ञ संगठनों की मदद से तात्कालिक कार्य किए जाएंगे। साथ ही, क्षेत्र में लोहे की रेलिंग को सुदृढ करने के साथ ही सुरक्षा दीवार बनाए जाने पर भी विचार किया जायगा।
अग्रवाल ने क्षेत्र में सर्वेक्षण में जुटी टीमों से भी बातचीत की और जल्द से जल्द सर्वेक्षण रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि सर्वेक्षण रिपोर्ट के आधार पर आवश्यक सुरक्षा एवं उपचार कार्य किए जाएंगे। जिलाधिकारी डॉ. मेहरबान सिंह बिष्ट ने बताया कि प्रशासन ने खतरे की आशंका वाले क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित कर दिया है।
श्री अग्रवाल ने सर्वेक्षण में जुटी टीमाें से बातचीत की और जल्द से जल्द सर्वेक्षण रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया। उन्हाेंने कहा कि सर्वेक्षण रिपोर्ट के आधार पर आवश्यक सुरक्षा एवं उपचार कार्य किए जाएंगे। उन्होंने प्रभावित क्षेत्र में जन-जीवन की सुरक्षा के के लिए सभी एहतियाती कदम उठाए जाने के भी निर्देश दिए।
जिलाधिकारी डॉ. मेहरबान सिंह बिष्ट ने बताया कि भूस्खलन प्रभावित क्षेत्र को प्रशासन ने चिह्नित कर खतरे की आशंका वाले क्षेत्र में रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थानों पर रहने की व्यवस्था भी की गई है। उन्हाेंने कहा कि भूस्खलन के कारणों की विस्तृत जांच एवं उसके निदान के लिए तात्कालिक एवं दीर्घकालीन उपाय सुझाने हेतु में टीएचडीसी, भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण के साथ ही उत्तराखंड भूस्खलन शमन एवं प्रबंधन केन्द्र तथ जिला टास्क फोर्स के भूवैज्ञानिक एवं विशेषज्ञों की टीम द्वारा गत दिन से प्रभावित क्षेत्र का सर्वेक्षण किया जा रहा है।
इस दौरान विधायक गंगोत्री सुरेश चौहान, जन संपर्क अधिकारी किशोर भट्ट, उप जिलाधिकारी वृजेश कुमार तिवारी, भूस्खलन शमन एवं प्रबंधन केन्द्र की वरिष्ठ भूवैज्ञानिक रूचिका टंडन, डिजायन इंजीनियर पंकज उनियाल, जीएसआई की वरिष्ठ भूवैज्ञानिक नेहा कुमारी, जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी देवेन्द्र पटवाल भी उपस्थित रहे।